हमारे Body Parts को भी लगता है डर, जानिए कब और क्यों होता है ऐसा ?

punjabkesari.in Thursday, Jan 30, 2025 - 08:13 PM (IST)

 नारी डेस्क: हम अक्सर कहते हैं कि "मुझे डर लग रहा है," लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर के अलग-अलग अंग भी डर महसूस करते हैं? डर सिर्फ एक भावना नहीं है, बल्कि यह हमारे शरीर की जैविक प्रतिक्रिया (biological response) भी है। जब हम किसी खतरे, चिंता या अनिश्चितता का सामना करते हैं, तो हमारे शरीर के कई हिस्से अलग-अलग तरह से प्रतिक्रिया देते हैं। आइए जानते हैं कि हमारे बॉडी पार्ट्स कब और क्यों डरते हैं, और इसे पहचानने के तरीके।

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दिल (Heart)

डर लगने पर हमारी धड़कन तेज़ हो जाती है क्योंकि शरीर मेंएड्रेनालिन हार्मोन रिलीज़ होता है।  यह हमें "फाइट या फ्लाइट" मोड में डाल देता है यानी हम खतरे से लड़ने या भागने के लिए तैयार हो जाते हैं।  कभी-कभी घबराहट के कारण दिल की धड़कन असामान्य  भी हो सकती है। 

इस तरह पहचानें-

- अचानक दिल की धड़कन तेज़ हो जाए। 
- घबराहट महसूस हो। 
- छाती में भारीपन लगे। 

 

दिमाग (Brain)

दिमाग का "Amygdala" हिस्सा डर को प्रोसेस करता है। जब हम डरते हैं, तो हमारा ध्यान कम हो जाता है और सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। कभी-कभी डर इतना ज्यादा हो सकता है कि दिमाग एकदम "ब्लैंक" हो जाता है। 

इस तरह पहचानें

- अचानक कुछ याद न आए या दिमाग सुन्न हो जाए। 
- फोकस करना मुश्किल हो जाए। 
- किसी भी निर्णय पर संदेह होने लगे। 

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फेफड़े (Lungs)

जब हम डरते हैं, तो हमारी सांसें तेज़ हो जाती हैं और हम गहरी-गहरी सांस लेने लगते हैं। कभी-कभी हाइपरवेंटिलेशन हो सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं। 

इस तरह पहचानें

- सांस लेने में परेशानी महसूस हो। 
- अचानक सांसें तेज़ हो जाएं। 
- घबराहट के साथ शरीर में कंपकंपी हो। 

 

हाथ-पैर (Limbs) –

 डर लगने पर शरीर ब्लड फ्लो को दिल और दिमाग की ओर भेजता है, जिससे हाथ-पैर ठंडे और सुन्न पड़ सकते हैं। ज्यादा डर में हाथ-पैर कांपने भी लगते हैं। 

इस तरह पहचानें

- हाथ-पैर ठंडे महसूस हों। 
- उंगलियां सुन्न पड़ जाएं। 
- हल्का कंपकंपी या झनझनाहट महसूस हो। 

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 त्वचा (Skin)

जब डर लगता है, तो शरीर "Goosebumps" यानी रोंगटे खड़े कर देता है। यह एक जैविक प्रक्रिया है, जो हमारे पूर्वजों को खतरे से बचाने के लिए विकसित हुई थी। 

ऐसे पहचानें

- अचानक त्वचा पर छोटे-छोटे दाने (goosebumps) आ जाएं। 
- शरीर में ठंडक महसूस हो, भले ही ठंड का मौसम न हो। 

 

पेट (Stomach)

 डर लगने पर शरीर के पाचन तंत्र (Digestive System) पर असर पड़ता है। कई बार घबराहट के कारण उल्टी जैसा महसूस हो सकता है या पेट खराब हो सकता है।

इस तरह पहचानें?

- पेट में अजीब-सा हलचल महसूस हो। 
- अपच, एसिडिटी या डायरिया जैसी समस्या हो जाए। 
- भूख अचानक कम या ज्यादा हो जाए। 


 मांसपेशियां (Muscles)

डर के समय हमारी मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं क्योंकि शरीर खतरे के लिए तैयार रहता है। ज्यादा डर लगने पर गर्दन, कंधों और पीठ में दर्द भी हो सकता है। 

इस तरह पहचानें

- शरीर अचानक कठोर या भारी लगे। 
- गर्दन, कंधे और पीठ में जकड़न महसूस हो। 
- हाथ-पैरों में थकान या भारीपन आ जाए। 

 

डर को कैसे कंट्रोल करें?

-धीमे-धीमे गहरी सांस लेने से दिल की धड़कन सामान्य होती है। 
-ध्यान ( दिमाग को शांत करता है और डर को कम करता है। 
- खुद को समझाएं कि डर सिर्फ एक मानसिक प्रतिक्रिया है। 
- योग और हल्की एक्सरसाइज करने से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। 
-नींद की कमी से डर और घबराहट बढ़ सकती है। 
-कोई पसंदीदा गाना सुनें या किसी अपने से बात करें, इससे डर कम होगा। 


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vasudha

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