बिजली महादेव मंदिर: जहां हर 12 साल में टूटता और जुड़ता है शिवलिंग
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 06:21 PM (IST)
नारी डेस्क : हिमाचल प्रदेश की वादियों में स्थित बिजली महादेव मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जो अपनी अनोखी घटनाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां का शिवलिंग हर 12 साल में आकाशीय बिजली से प्रभावित होता है और उसके टुकड़े हो जाते हैं। आइए जानते हैं इस रहस्य के पीछे की कहानी और परंपरा।
हर 12 साल पर गिरती है बिजली
यह मंदिर कुल्लू जिले की ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है, समुद्र तल से लगभग 7874 फीट की ऊंचाई पर। स्थानीय लोगों के अनुसार, हर बार 12 वर्षों में एक आकाशीय बिजली सीधे शिवलिंग पर गिरती है, जिसे भगवान शिव की दिव्य लीला माना जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव अपने ऊपर बिजली गिराकर धरती पर आने वाले संकटों को पहले ही सहते हैं, इसलिए जैसे ही बिजली गिरती है, शिवलिंग टुकड़े-टुकड़े हो जाता है।

शिवलिंग का अनोखा लेप और पूजा
शिवलिंग टूटने के कुछ दिनों बाद पुजारी और स्थानीय लोग मक्खन और सत्तू का लेप लगाकर उसके टुकड़ों को जोड़ते हैं। कुछ समय बाद यह लेप धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है और शिवलिंग पुनः पुराने रूप में नजर आने लगता है। इसके बाद पूजा विधिपूर्वक की जाती है। स्थानीय लोग इसे भगवान की चमत्कारी लीला मानते हैं और इस परंपरा को बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ निभाते हैं।
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बिजली महादेव मंदिर की पौराणिक कथा
कहा जाता है कि ब्यास नदी के पास कुलांत नामक राक्षस घाटी को डुबाने की योजना बना रहा था। वह अजगर का रूप लेकर लोगों को डराने लगा। तब भगवान शिव प्रकट हुए और उस राक्षस का वध किया। राक्षस की पूंछ में आग लगने के बाद उसकी मृत्यु हो गई। इस पर्वत पर राक्षस का शरीर गिरा था और इसी स्थान पर बिजली महादेव की स्थापना हुई। इस कारण इसे कुलांत पीठ के नाम से भी जाना जाता है।

बिजली महादेव मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि हिमाचल की संस्कृति और रहस्यों का प्रतीक है। यहाँ हर 12 साल की घटना और शिवलिंग की पुनर्स्थापना इसे और भी अद्भुत बनाती है।

