Pregnancy में करवटों में ही निकल जाती हैं रातें? जानें किस स्लीपिंग पोजिशन में मिलेगी चैन की नींद
punjabkesari.in Wednesday, Dec 28, 2022 - 11:47 AM (IST)
प्रेगनेंसी में जिस तरह से महिलाओं को अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए, उसी तरह से भरपूर आराम, नींद लेने के बारे में भी सोचना चाहिए। खासकर, प्रेगनेंसी में सोने का सही तरीका, पोजीशन क्या हो, यह हर प्रेगनेंट महिला को जानना चाहिए। इससे आपको रात में सोने में कोई तकलीफ, दर्द महसूस नहीं होगा और सुकून और आरामदायक नींद भी आएगी। प्रेगनेंसी के पहले और आखिरी महीने में खासकर महिलाओं के बेड पर सही पोजीशन में सोने की जानकारी होनी चाहिए, ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई समस्या ना हो। प्रेगनेंसी में सोने का सही तरीका क्या होना चाहिए, आईए जानते हैं यहां।
प्रेगनेंसी में सोने का सही तरीका क्या है?
एक रिपोर्ट के अनुसार मुख्य रुप से सोने के लिए तीन स्लीपिंग पोजीशन होते हैं बायीं या दायीं करवट में सोना, पीठ और पेट के बल सोना, लेकिन प्रेगनेंसी की सभी तिमाही में इन तीनों स्लीपिंग पोजीशन में से बेस्ट और कंफर्टेबल कौन सा होता है, ये जानना जरुरी है।
पहली तिमाही में सोने का सही तरीका
चूंकि प्रेगनेंसी के पहली तिमाही में यूटरस का आकार ज्यादा बड़ा नहीं होता है, इसलिए इन तीनों पोजीशन में सोया जा सकता है। ज्यादा परेशानी भी महसूस नहीं होता है। हालांकि आप दायीं तरफ होकर सोएंगी तो ज्यादा आराम महसूस होगा।
दूसरी तिमाही में सोने का सही तरीका
प्रेगनेंसी के 4-6 महीने के बीच पेट के बल सोने से बचना चाहिए। यदि आपको पेट के बल सोने का मन भी करता है, तो आप ऐसा 16 सप्ताह तक सो सकती हैं, लेकिन उसके बाद आप भूलकर भी इस स्लीपिंग पोजीशन में ना सोएं।चौथे महीने में पेट का आकार बढ़ जाता है, जिससे पेट के बल सोने से यूटरस और ब्लड वेसल्स पर दबाव पड़ता है। साथ ही पीठ के बल सोना भी दूसरी तिमाही से बंद कर दें। इससे यूटरस शरीर में ऑक्सीजनेटेड ब्लड को पहुंचाने वाले मुख्य ब्लड वेसल्स को ब्लॉक कर सकता है। इस स्थिति में बच्चे और प्लेसेंटा में भी रक्त सप्लाई बाधित हो सकती है। इससे आपको चक्कर, मतली, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। प्रेगनेंसी के दूसरी तिमाही में सबसे बेस्ट पोजीशन है एक साइड होकर सोना। खासकर, 20वें सप्ताह से इस पोजीशन में सोना शुरु कर देना चाहिए।
तीसरी तिमाही में सोने का तरीका
तीसरी तिमाही में आपको सिर्फ एक साइड (बायीं तरफ) होकर सोना चाहिए, क्योंकि इस दौरान पेट का आकार भी बढ़ जाता है। आपको पेट या पीठ के बल सोने से असहज महसूस हो सकता है। इससे प्लेसेंटा, किडनी, धड़ आदि में रक्त की आपूर्ति सही से होती है। तो आप प्रेगनेंसी के तीन तिमाही में अपने सोने की स्थिति पर खास ध्यान दें। साथ ही हर दिन प्रॉपर 8 घंटे कि नींद प्रेगनेंट महिला के लिए जरुरी है।