इस तेल में बनाया खाना सबसे बेस्ट, जानिए 5 खराब Cooking Oil जो दिल के लिए खतरा

punjabkesari.in Thursday, Sep 12, 2024 - 07:44 PM (IST)

नारी डेस्कः खाना पकाने के लिए हर किसी के घर में तेल का इस्तेमाल होता है लेकिन आप कौन सा तेल इस्तेमाल कर रहे हैं और वह आपके शरीर के लिए कितना हैल्दी है ये जानना बहुत जरूरी है क्योंकि ऑयल का आपके दिल-कोलेस्ट्रॉल लेवल से सीधा कनैक्शन है। यह आपके शरीर पर सीधे तौर पर असर डालता है। ऐसे में अब आप भी सोच रहे होंगे कि कौन सा तेल बढ़िया है और कौन सा खराब तो चलिए इस बारे में आपको बताते हैं। 

अच्छे खाना बनाने वाले तेलों में हेल्दी फैट होते हैं, जैसे मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट, जो सूजन को कम करने, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को घटाने और दिल की सेहत को सुधारने में मदद करते हैं। इनमें अक्सर एंटीऑक्सीडेंट और जरूरी पोषक तत्व भी होते हैं। दूसरी ओर, खराब तेलों में अनहेल्दी फैट ज्यादा होता है, जैसे ट्रांस फैट या बहुत ज्यादा ओमेगा-6 फैटी एसिड, जो सूजन बढ़ा सकते हैं, LDL कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं और हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।

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खाना पकाने के लिए बेस्ट ऑयल

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (EVOO) में मोनोअनसैचुरेटेड फैट और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसमें ओलिक एसिड होता है, जो सूजन को कम करता है, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) घटाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, खासकर पॉलीफेनॉल, शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं और पुरानी बीमारियों से रक्षा करते हैं।PunjabKesari, best cooking oil

एवोकाडो ऑयल

एवोकाडो ऑयल मोनोअनसैचुरेटेड फैट और विटामिन E से भरपूर होता है। इसका स्मोक पॉइंट काफी ऊंचा (लगभग 520°F/271°C) होता है, जिससे यह तलने और ग्रिलिंग जैसे हाई टेंपरेचर पर पकाने के लिए सही रहता है। इसमें विटामिन E और D भी अच्छी मात्रा में होते हैं, जो त्वचा की सेहत और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।

कोकोनट ऑयल

नारियल तेल में मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स (MCT) होते हैं, जो तेजी से मेटाबोलाइज होकर तुरंत एनर्जी देते हैं। इसमें लॉरिक एसिड भी होता है, जो एंटीबैक्टीरियल और सूजन कम करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है।

देसी घी

देसी घी में विटामिन A, D, E और K होते हैं, साथ ही इसमें सूजन कम करने वाला संयुग्मित लिनोलिक एसिड (CLA) भी पाया जाता है। इसका स्मोक पॉइंट (485°F/252°C) ज्यादा होता है, और यह लैक्टोज-फ्री होता है, इसलिए यह डेयरी सेंसिटिविटी वाले लोगों के लिए भी सही है।

सरसों का तेल

सरसों के तेल में खाना पकाना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। सरसों के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो दिल की सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं। इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, सरसों के तेल में एरुसिक एसिड भी होता है, जिसकी ज्यादा मात्रा में सेवन कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी हो सकती है। इसलिए, इसका उपयोग संतुलित मात्रा में और अन्य हेल्दी तेलों के साथ मिलाकर करना बेहतर होता है।
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कैनोला ऑयल

यह तेल पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें ओमेगा-3 से लेकर ओमेगा-6 फैटी एसिड का संतुलित अनुपात होता है और इसमें सेचुरटेड फैट कम होती है. यह अपने हार्ट हेल्थ गुणों और हाई स्मोक पॉइंट (400°F/204°C) के लिए जाना जाता है।

फ्लैक्ससीड ऑयल

इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो शरीर के लिए आवश्यक होता है और सूजन को कम करने में मदद करता है।

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खाना पकाने के लिए सबसे खराब तेल 

पाम ऑयल

पाम ऑयल में बहुत ज्यादा सेचुरेटेड फैट होता है। अधिक मात्रा में इनका सेवन करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। साथ ही, इसका उत्पादन अक्सर वनों की कटाई, आवास विनाश और अनैतिक प्रथाओं से जुड़ा होता है।

वेजिटेबल ऑयल

वेजिटेबल ऑयल, सोयाबीन, मक्का, ताड़ और कैनोला जैसे तेलों का मिश्रण होता है, जो बहुत अधिक प्रोसेस्ड होते हैं। इनमें ट्रांस फैट या ओमेगा-6 फैटी एसिड हो सकते हैं। अधिक सेवन शरीर में सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं। यह तेल आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है और दिल के रोगों का कारण बन सकता है।

मकई का तेल

मकई के तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड ज्यादा होता है, जो ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ असंतुलन पैदा कर सकता है, जिससे शरीर में सूजन बढ़ सकती है।
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सोयाबीन का तेल

मकई के तेल की तरह सोयाबीन के तेल में भी ओमेगा-6 फैटी एसिड ज्यादा होता है और इसे अक्सर बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड किया जाता है, जिससे लाभकारी पोषक तत्व खत्म हो सकते हैं।

सूरजमुखी का तेल

हाई ओलिक सूरजमुखी का तेल रेगुलर सूरजमुखी तेल से बेहतर है, लेकिन इसमें भी ओमेगा-6 फैटी एसिड ज्यादा होता है, जो अधिक सेवन पर सूजन बढ़ा सकता है। रेगुलर सूरजमुखी तेल का स्मोकिंग प्वाइंट भी कम होता है।


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Content Writer

Vandana

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