अलविदा पंडित शिवकुमार शर्मा जी... अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे अमिताभ और जया बच्चन
punjabkesari.in Wednesday, May 11, 2022 - 01:46 PM (IST)
संतूर को विश्वभर में पहचान दिलाने वाले संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह भारत के जानेमाने शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे जिन्होंने फिल्मों में भी संगीत दिया था। बॉलीवुड के कई सेलेब्रिटीज उनके आखिरी दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। अभिनेता अमिताभ बच्चन भी अपनी पत्नी जया बच्चन के साथ पंडित जी को श्रद्धांजली देने पहुंचे।
अमिताभ- जया के अलावा जावेद अख्तर और शबाना आजमी की शिवकुमार शर्मा को आखिरी विदाई देने पहुंचे। पं शिवकुमार के पार्थिव शरीर को 1 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए जुहू इलाके में रखा गया है, दोपहर 2.30 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शर्मा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि दी। मोदी ने कहा कि- पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारे सांस्कृतिक जगत की क्षति हुई है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर संतूर को लोकप्रिय बनाया। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को प्रोत्साहित करता रहेगा। उनके साथ हुई बातचीत मुझे याद है। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति
पद्म विभूषण से सम्मानित शर्मा का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था। माना जाता है कि वह पहले संगीतकार थे जिन्होंने संतूर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुर बिखेरे। संतूर जम्मू कश्मीर का एक लोक वाद्य यंत्र है। बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ शर्मा की जोड़ी को ‘शिव-हरि’ का नाम दिया गया था। इस जोड़ी ने “सिलसिला”, “लम्हे” और “चांदनी” जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया, जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। शिवकुमार के बेटे राहुल शर्मा भी एक संतूर वादक हैं।
शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने ट्वीट किया कि- पंडित शिव कुमार शर्मा जी के निधन से एक युग का अंत हो गया। वह संतूर वादन के पुरोधा थे और उनका योगदान अतुलनीय है। मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है और मैं हमेशा उन्हें बहुत याद करूंगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा। ओम शांति।
गजल गायक पंकज उधास, संगीतकार सलीम मर्चेंट और अभिनेत्री शबाना आजमी ने भी शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया। शिवकुमार शर्मा को 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्मश्री तथा 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।