नई उड़ान! 2 साल की उम्र में हुआ था बाल विवाह, इसके खिलाफ लड़ी और पाई शादी से आजादी
punjabkesari.in Monday, Dec 28, 2020 - 05:55 PM (IST)
आज चाहे समाज आगे क्यों न बढ़ गया हो लेकिन बेटी होते ही परिवार वालों को उसकी शादी की चिंता सताने लगती है। आज भी बहुत से ऐसे गांव हैं जहा लड़की का बाल विवाह कर दिया जाता है। हालांकि बहुत सारी जगहों पर लड़कियों के साथ ऐसा नहीं किया जाता है लेकिन कहीं न कहीं आज भी समाज की सोच इसी के आस-पास भटक रही है। लेकिन कहते हैं न कि जुर्म करने से ज्यादा बड़ा आरोपी वो होता है जो इसे सहता है। और आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने बाल विवाह के विरूद्ध आवाज उठाई।
जोधपुर जिले में बाप तहसील के चिमाणा गांव की रहने वाली नींबू का 2 साल की उम्र में बाल विवाह कर दिया गया। वो उम्र जब शायद बच्चे को शादी का असल अर्थ भी न पता हो। समाज के तानों के कारण और सोच के कारण नींबू का बाल विवाह कर दिया गया। लेकिन समाज के द्वारा बनाए इस बंधन को मानने की बजाए नींबू ने इसके खिलाफ आवाज उठाई। इस विवाह के खिलाफ आवाज उठाई। और अब नींबू पुलिस अफसर बनना चाहती हैं।
सवा साल तक बाल विवाह के खिलाफ लड़ी लड़ाई
नींबू समाज की इस काली सोच के आगे झुकी नहीं और डटकर इस के खिलाफ आवाज उठाई। नींबू ने करीब सवा साल तक अपना बाल विवाह निरस्त करने का केस लड़ा और उन्हें जीत भी मिली और तकरीबन 18 साल बाद वह इस बंधन से मुक्त हो गईं और अब वह एक आजाद जिंदगी जी रही हैं।
ससुराल जाने का पड़ा दबाव
2 साल की उम्र में शादी के बाल विवाह के बंधन में बंधने वाली नींबू जब बड़ी हुई और जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने इसे अवीस्कार किया। हालांकि उन्हें ससुराल वालों की तरफ से काफी दबाव का सामना करना पड़ा लेकिन वह अपने फैसले के आगे डट कर खड़ी रही।
आखिरकार लिया अपना हक
इस लड़ाई में नींबू के रास्ते बहुत सारी मुश्किलें आईं लेकिन वह रूकी नहीं और आखिरकर गुरुवार को फैसला सुनाते हुए न्यायालय संख्या एक के न्यायधीश महेंद्र कुमार सिंघल ने उसका बाल विवाह निरस्त कर दिया।
शादी नहीं करना चाहती थी नींबू
अक्सर बाल विवाह जैसे फैसले बच्चों पर और लड़कियों पर थोपे जाते हैं। नींबू भी इसके लिए तैयार नहीं थी लेकिन नीबू जाति के लोगों ने उसपर काफी दबाव भी दिया । वहीं इस बाल विवाह को निरस्त करने के बाद नींबू कहती हैं कि कुप्रथा खत्म करना सभी की जिम्मेदारी इसे सभी को बखूबी निभाना चाहिए।
सारथी ट्रस्ट की डॉ कृति भारती ने दिया साथ
इस मुश्किल सफर में नींबू का पूरा साथ दिया सारथी ट्रस्ट की डॉ कृति भारती ने। आपको बता दें कि देश का पहला बाल विवाह भी सारथी ट्रस्ट की डॉ कृति भारती ने ही निरस्त करवाया था। सारथी ट्रस्ट ने अब तक 41 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवा दिए हैं। साथ ही 1400 से अधिक बाल विवाह रुकवाए भी हैं।