22 की उम्र में दिल की तीनों नसें बंद! करनी पड़ी इमरजेंसी सर्जरी, हालत देख डॉक्टर भी हैरान

punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 12:21 PM (IST)

नारी डेस्क:  आमतौर पर दिल की बीमारियों का खतरा 40 की उम्र के बाद बढ़ता है, लेकिन हाल ही में मुंबई के खार इलाके से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां 22 साल की एक लड़की को अचानक सीने में तेज दर्द होने लगा। जब डॉक्टरों ने उसकी ECG जांच की, तो उन्हें पता चला कि उसके हार्ट की तीनों मुख्य कोरोनरी आर्टरीज में गंभीर ब्लॉकेज है।

डॉक्टरों ने तुरंत कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी की, जिससे वह देश की सबसे कम उम्र की ऐसी पेशेंट बन गई। फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (Familial Hypercholesterolemia) सर्जरी करने वाले सर्जन डॉ.  ने बताया कि लड़की को जन्म से ही रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया था।

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यह बीमारी खून में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ा देती है। नतीजा यह होता है कि धमनियां जल्दी ब्लॉक होने लगती हैं। समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा हो सकती है। लड़की के परिजन बताते हैं कि उसे 7 साल की उम्र से ही स्किन, जॉइंट्स और आंखों के आसपास पीले रंग की गांठें दिखने लगी थीं। तब इसे लोग साधारण स्किन प्रॉब्लम समझ बैठे।

समय पर पहचान न होने के कारण स्थिति बिगड़ी

10वीं क्लास में एक गांठ को ऑपरेशन से हटाया गया, लेकिन डॉक्टर्स ने जटिलता को गंभीरता से नहीं लिया। हार्ट ब्लॉकेज की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि एंजियोप्लास्टी संभव नहीं थी। बायपास सर्जरी ही विकल्प बचा। जांच में यह भी सामने आया कि लड़की की 21 साल की बहन और 8 साल के भाई में भी यही लक्षण पाए गए। इसका मतलब है कि यह बीमारी जेनेटिक रूप से परिवार में फैली हुई है।

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डॉक्टर्स की जागरूकता जरूरी

2022 के सर्वे के अनुसार, मुंबई के 79 जनरल फिजिशियंस में से सिर्फ 31% ही इस बीमारी को सही पहचान पाए। बीमारी का कोई परमानेंट इलाज नहीं है। दवाएं, सही खानपान और समय पर जांच से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। समय पर पहचान और जागरूकता ही मरीज की जान बचा सकती है।  


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Content Editor

Priya Yadav

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