1984 सिख विरोधी दंगे: सज्जन कुमार को उम्र भर की सजा, सिखों के न्याय की उम्मीद!
punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 04:55 PM (IST)
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नारी डेस्क: 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मंगलवार, 25 फरवरी को यह सजा सुनाई। सज्जन कुमार पहले से ही 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रभर की सजा काट रहे थे।
1984 के दंगे और घटनाक्रम
31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों – बेअंत सिंह और सतवंत सिंह द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के बाद अगले दिन, 1 नवंबर को दिल्ली और अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों के दौरान दिल्ली में करीब 2800 सिखों की जान गई थी, जबकि पूरे देश में मरने वालों की संख्या करीब 3500 बताई जाती है।
कमीशन और जांच
इन दंगों की जांच के लिए 2000 में GT नानावती कमीशन का गठन किया गया था। सीबीआई ने इस कमीशन की सिफारिश पर 2005 में केस दर्ज किया। ट्रायल कोर्ट ने 2010 में सज्जन कुमार और अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया, लेकिन 2013 में सज्जन कुमार को बरी कर दिया गया। इसके बाद सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की, जिसने 2013 में सज्जन कुमार को नोटिस जारी किया और 2018 में उन्हें पांच सिखों की हत्या में दोषी ठहराया।
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मनमोहन सिंह का माफी बयान
इन दंगों के 21 साल बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में माफी मांगी थी और कहा था कि इस घटना से उनका सिर शर्म से झुक जाता है।
सज्जन कुमार की सजा और न्याय की प्रक्रिया
2018 में हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को पांच सिखों की हत्या में दोषी ठहराया और उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई। अब 25 फरवरी को उन्हें एक बार फिर से उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जो 1984 के दंगों के दोषियों को न्याय दिलाने के दिशा में एक कदम और है।
यह सजा उन लोगों के लिए एक संदेश है जिन्होंने इस तरह के जघन्य अपराधों को अंजाम दिया और उन घटनाओं में शामिल थे जिन्होंने निर्दोष लोगों की जान ली।