पुरानी से पुरानी बीमारी दूर करेंगे ये 4 Yogasana, आज ही करें डेली रुटीन में शामिल
punjabkesari.in Saturday, May 13, 2023 - 10:33 AM (IST)
स्वस्थ शरीर के लिए योगासन और प्राणायाम कितने आवश्यक हैं यह तो सब जानते हैं। तनाव कम करने से लेकर शरीर में लचीलापन लाने, पाचन शक्ति मजबूत बनाने में योगासन और प्राणायाम बहुत ही लाभकारी माने जाते हैं। फिटनेस एक्सपर्ट्स की मानें तो कई सारे अध्ययनों में इस बात का दावा किया गया है कि लगातार 6 महीने तक योगाभ्यास और एक्सरसाइज करने से मोटे लोगों के शरीर का वजन कम होता है। इसके अलावा 2016 के एक अध्ययन की मानें तो 12 हफ्ते तक योग करने से मेनोपॉज के बाद भी महिलाओं में हड्डियां पहले से मजबूत बनी हैं। ऐसे में आज आपको 4 ऐसे योगासन और प्राणायाम बताएंगे जो शरीर की कई सारी बीमारियां दूर करने में मदद करेंगे। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम करने से भी शरीर की कई बीमारियां दूर होती हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अपनी पीठ को सीधा करें और इसके बाद अपनी आंखें बंद कर लें। इसके बाद अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की मुद्रा में रखें। फिर सांस लें और फेफड़ों में हवा भरें इसका बाद पूरी तरह से सांस छोड़ दें। नियमित आसन को करने से मन शांत होता है, तनाव और चिंता दूर होती है आवाज मधुर बनती है और एकाग्रता में भी सुधार होता है। शुरुआत में आसन केवल 5 मिनट करें। धीरे-धीरे आप इसे करने का समय बढ़ा सकते हैं।
तिर्यक ताड़ासन
तिर्यक ताड़ासन करने से कब्ज की समस्या से आराम मिलता है, कमर के आस-पास की चर्बी कम होती है शरीर लचीला बनता है। इस आसन को करते समय शरीर की मुद्रा मुड़े हुए ताड़ के जैसी दिखती है इसलिए इसे तिर्यक ताड़ासन कहते हैं। नियमित आसन करने से कंधें भी मजबूत बनते हैं और कमर की चर्बी कम होती है जिससे कमर पतली हो जाती है जो लोग लंबाई में छोटे हैं उन्हें तियर्क ताड़ासन करने की सलाह भी दी जाती है।
नौकासन
नौका का मतलब है नाव और आसन का अर्थ होता है सीट। इस आसन को करते समय शरीर नाव की मुद्रा में होता है। पेट की चर्बी कम करने, रीढ़ की हड्डी मजबूत बनाने, फेफड़े मजबूत बनाने, पेट अंदर बनाने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह पेट की मांसपेशियों के लिए भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।
उत्कटासन
इस आसन को करने से छाती का दर्द दूर होता है और शरीर में लचीलापन आता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है, पिंडली और जांघों में मजबूती आती है और एकाग्रता क्षमता सुधरती है। शरीर का संतुलन बढ़ाने के लिए आप नियमित इस आसन को कर सकते हैं। लेकिन यदि आपको सिरदर्द या अनिद्रा की परेशानी रहती है तो इस आसन को बिल्कुल भी न करें।