स्कूल का तनाव और बीमारियां को रखना है बच्चों से कोसों दूर तो उनकी रूटीन में शामिल करें ये 6 योगासन
punjabkesari.in Wednesday, Jun 21, 2023 - 11:09 AM (IST)
लोगों को लगता है कि योग सिर्फ बड़ों के लिए होता है, पर ऐसा कुछ भी नहीं है। बीमार तो बच्चे भी होते ही हैं, तो ये जितना बड़ों के लिए फायदेमंद है उतना ही बच्चों के लिए भी है। स्कूल का तनाव, एग्जाम का प्रेशर और फिजिकली एक्टिव न होना बच्चों को बहुत डिमोटिवेट करता है। योगासन करने से बच्चों का शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक विकास होता है और बीमारियां भी कोसों दूर रहती हैं। तो अगर आपको अपने बच्चों को अंदर से मजबूत करना है तो आइए आपको बताते हैं इन 6 इफेक्टिव योगासन जो आप अपने बच्चों से करवा सकते हैं....
बाल मुद्रा (बालासन)
बाल मुद्रा मन को शांत करने और बच्चों के तनाव दूर करने में मदद करती है। इसे करने के लिए जमीन पर घुटने टेकें, अपनी एड़ी पर वापस बैठें, और अपने हाथों को आगे बढ़ाते हुए अपने माथे को जमीन पर टिकाएं और गहरी सांस लें।
फॉरवर्ड फोल्ड (उत्तानासन)
अपने पैरों को हिप्स की चौड़ाई से अलग करके खड़े हो जाएं, अपने हिप्स से आगे की ओर झुकें, और अपने ऊपरी शरीर को ढीला छोड़ दें। अपने सिर, गर्दन और कंधों को आराम करने दें। ये मुद्रा बच्चों के मेंटल स्ट्रेंथ का बढ़ाती है।
सीटेड फॉरवर्ड बेंड (पश्चिमोत्तानासन)
अपने दोनों पैरों को लंबा कर जमीन पर बैठ जाएं। धीरे-धीरे अपने हिप्स से आगे झुकें, अपने पैर की उंगलियों या टखनों तक पहुंचें। अपनी रीढ़ को लंबा करने और गहरी सांस लेने पर ध्यान दें। ये मुद्रा बच्चों के मन को शांत करने और पढ़ाई का तनाव दूर करने में मदद करती है।
ब्रिज पोज (सेतु बंधासन)
अपने घुटनों को बेंड करें और पैरों को जमीन पर रखकर अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों और हाथों को जमीन पर रखें, अपने हिप्स को ऊपर उठाएं, फिर कुछ सांसों के लिए इस पोज को रोकें और फिर धीरे-धीरे छोड़ें। ये मुद्रा पीठ के दर्द, तनाव को दूर करने और छाती को फैलाने में मदद करती है।
स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड (उत्तानासन)
अपने पैरों को खोलकर खड़े हो जाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें, जिससे आपका ऊपरी शरीर नीचे लटक सके। अपने सिर और गर्दन को आराम दें। ये मुद्रा मन को शांत करने और पीठ और गर्दन के तनाव को दूर करने में मदद करती है।
लेग्स-अप द वॉल पोज (विपरीत करणी)
अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को दीवार के सहारे ऊपर उठाएं, उन्हें सीधा या थोड़ा मुड़ा हुआ रखें। अपने हाथों को अपने बगल में आराम दें और अपनी आंखें बंद कर लें। ये मुद्रा मानसिक और शारीरिक थकान को दूर करने में मदद करती है और बच्चों के विकास के लिए जरूरी है।