world asthma day 2025: अगर डायबिटीज और अस्थमा एक साथ हो जाएं, तो क्या करें?
punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 12:51 PM (IST)

नारी डेस्क: डायबिटीज और अस्थमा दोनों ही गंभीर और लंबे समय तक चलने वाली बीमारियां हैं। एक तरफ डायबिटीज में शरीर में ब्लड शुगर का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है, वहीं दूसरी तरफ अस्थमा में फेफड़ों की नलियों में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। अगर किसी व्यक्ति को ये दोनों बीमारियां एक साथ हो जाएं, तो परेशानी और भी बढ़ सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि आप सही जानकारी और सावधानी के साथ इन दोनों स्थितियों को संभालें।
क्या डायबिटीज और अस्थमा का आपस में कोई संबंध है?
जी हां, डायबिटीज और अस्थमा के बीच सीधा संबंध है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में अस्थमा होने का खतरा बढ़ जाता है—अगर उनका वजन सामान्य है। साइंस डायरेक्ट में बताया गया है कि ये दोनों बीमारियां इंफ्लेमेशन (सूजन), मोटापा और लंबे समय तक दवा के सेवन जैसे कारणों से जुड़ी हुई हैं। यही वजह है कि एक बीमारी दूसरी को बढ़ा सकती है।
डायबिटीज और अस्थमा के लक्षण क्या होते हैं?
डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms in Hindi)
बार-बार प्यास लगना
शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने पर किडनी अधिक पानी खींचने लगती है, जिससे शरीर डीहाइड्रेट हो जाता है। इसी वजह से व्यक्ति को बार-बार प्यास लगती है और वह ज्यादा पानी पीने लगता है।
बार-बार पेशाब आना
जब शरीर में शुगर का स्तर ज़्यादा हो जाता है, तो शरीर उसे यूरिन के ज़रिए बाहर निकालने की कोशिश करता है। इसी कारण व्यक्ति को दिन में कई बार पेशाब आता है, यहां तक कि रात में नींद से उठकर भी पेशाब जाना पड़ता है।
बहुत भूख लगना
शरीर में ग्लूकोज तो मौजूद होता है, लेकिन वह ठीक से इस्तेमाल नहीं हो पाता। इसलिए शरीर को एनर्जी नहीं मिलती और व्यक्ति को बार-बार भूख लगने लगती है, चाहे उसने कुछ देर पहले ही खाना खाया हो।
अचानक वजन कम होना और आंखों से धुंधला दिखना
बिना कोशिश के वजन घटता है, क्योंकि शरीर एनर्जी के लिए फैट और मांसपेशियों को तोड़ने लगता है। यह टाइप 1 डायबिटीज में ज्यादा देखा जाता है।हाई ब्लड शुगर से आंखों की नसें सूज सकती हैं, जिससे नजर धुंधली हो जाती है। समय रहते इलाज न हो तो नजर स्थायी रूप से खराब भी हो सकती है।
थकान और कमजोरी
शरीर को ग्लूकोज से एनर्जी नहीं मिल पाती, जिससे व्यक्ति दिनभर थका-थका महसूस करता है और काम में मन नहीं लगता। हाई ब्लड शुगर नसों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हाथों-पैरों में सुन्नपन, जलन या झनझनाहट महसूस हो सकती है। इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। डायबिटीज में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे स्किन इन्फेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन और फंगल इन्फेक्शन जैसी समस्याएं बार-बार हो सकती हैं।
ये भी पढ़ें: ना लक्षण, ना दर्द - Fatty Liver धीरे-धीरे करता है लिवर को Damage!
स्थमा के लक्षण (Asthma Symptoms in Hindi)
सांस लेने में तकलीफ
अस्थमा में सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है, जिससे व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है। यह समस्या एक्सरसाइज, ठंडी हवा या एलर्जी के कारण बढ़ सकती है। जब फेफड़ों में हवा का प्रवाह होता है, तो छाती में भारीपन, जकड़न या दर्द महसूस हो सकता है। यह लक्षण अस्थमा अटैक का संकेत भी हो सकता है।
बार-बार खांसी आना
सूखी या बलगम वाली खांसी लगातार बनी रह सकती है, विशेषकर रात को या सुबह के समय। अस्थमा के मरीज़ों में यह एक आम और लगातार रहने वाला लक्षण होता है।
वर्कआउट या दौड़ने के बाद सांस फूलना
शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है, लेकिन अस्थमा में फेफड़े पूरा ऑक्सीजन नहीं दे पाते। इस कारण थोड़ी सी मेहनत के बाद ही व्यक्ति की सांस फूलने लगती है। जब व्यक्ति सांस लेता है तो गले या छाती से सीटी जैसी आवाज आती है, जिसे व्हीज़िंग (Wheezing) कहा जाता है। यह संकेत है कि सांस की नलियां सिकुड़ गई हैं।
अगर आपको दोनों बीमारियां एक साथ हैं, तो क्या करें?
1. डॉक्टर से सलाह लें: आपको एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (डायबिटीज विशेषज्ञ) और पल्मोनोलॉजिस्ट (अस्थमा विशेषज्ञ) दोनों से नियमित जांच करवानी चाहिए।
शुरुआती इलाज जनरल फिजिशियन से भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन स्थिति गंभीर हो तो विशेषज्ञ की राय ज़रूरी है।
2. रिस्क फैक्टर को पहचानें: मोटापा, धूल-धुएं का संपर्क, दवाओं का दुरुपयोग, और खराब जीवनशैली—ये सभी अस्थमा और डायबिटीज को बढ़ा सकते हैं। वजन नियंत्रित रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें।
3. लक्षणों पर नजर रखें: रोजाना ब्लड शुगर चेक करें और अस्थमा के लक्षण जैसे खांसी या सांस फूलना नोट करें। कोई नया या बढ़ा हुआ लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
4. जीवनशैली में सुधार करें: रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें जैसे- टहलना, योग आदि। स्मोकिंग और शराब पूरी तरह से बंद करें। ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जो दोनों बीमारियों के लिए फायदेमंद हों, जैसे- हरी सब्जियां, फल, ओट्स, दालें आदि। धूल, धुआं, पालतू जानवर के बाल और अन्य ट्रिगरिंग चीजों से दूर रहें जो अस्थमा को बढ़ा सकते हैं।
अगर आपको डायबिटीज और अस्थमा दोनों हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इन बीमारियों को सही जानकारी, डॉक्टर की सलाह और एक हेल्दी लाइफस्टाइल के ज़रिए काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। ज़रूरी है कि आप नियमित रूप से अपनी सेहत की निगरानी करें और जरूरी बदलाव अपनाएं।