पीड़ित को गले लगाने और हाथ मिलाने से नहीं फैलता HIV,  दूर करें AIDS को लेकर  कंफ्यूजन

punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2024 - 04:15 PM (IST)

नारी डेस्क:  एचआईवी संक्रमण एक बड़ी वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जिसकी वजह से करोड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।  हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है। यह दिन लोगों को एड्स (AIDS) के प्रति जागरूक करने, एचआईवी (HIV) संक्रमण से बचाव और इसके प्रति फैली गलत धारणाओं को खत्म करने के लिए समर्पित है। एड्स एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन सही जानकारी और सावधानियों से इसे रोका जा सकता है।  चलिए जानते हैं इसका कारण और कैसे कर सकते हैं इससे बचाव

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इन मिथकों से बचें 

लोगों में धारणा है कि पीड़ित के छूने, पसीने, थूक और पेशाब से एचआईवी फैल जाता है। यह एक गलतफहमी है, जिसका प्रचार काफ़ी लंबे वक्त से होता आ रहा है। इसे दूर करने के लिए जागरूकता अभियान तक चलाए गए हैं पर उसका कोई बहुत ज़्यादा असर देखने को नहीं मिला है। सच तो यह हे कि पीड़ित आपके आस-पास खासे, छींके या थूके तो आप इस वायरस की चपेट में नहीं आएंगे। इतना ही नहीं एचआईवी पीड़ित को छूने, उन्हें गले लगाने और हाथ मिलाने से भी यह वायरस नहीं फैलता। पीड़ित को काटा हुआ मच्छर अगर आपको काटे तो इससे भी यह वायरस नहीं फैलता।

 

एड्स के कारण

एड्स का मुख्य कारण है एचआईवी (HIV) वायरस, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। यह वायरस मुख्य रूप से निम्न कारणों से फैलता है:  

असुरक्षित यौन संबंध:बिना प्रोटेक्शन के यौन संबंध बनाने से एचआईवी संक्रमण हो सकता है।  

संक्रमित रक्त का उपयोग: संक्रमित सुई, इंजेक्शन या ब्लड ट्रांसफ्यूजन से।  

गर्भावस्था या स्तनपान: एचआईवी संक्रमित मां से बच्चे को।  

सर्जिकल उपकरण:  संक्रमित उपकरणों का प्रयोग।  

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लक्षण

एचआईवी के संक्रमण के लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देते, लेकिन समय के साथ इनमें शामिल हो सकते हैं:  

1. बार-बार बुखार या ठंड लगना।  
2. लंबे समय तक थकावट महसूस करना।  
3. त्वचा पर चकत्ते या रैश।  
4. तेजी से वजन कम होना।  
5. बार-बार संक्रमण होना, जैसे गले में खराश या निमोनिया।  
6. लसिका ग्रंथियों (Lymph Nodes) का सूजन।  


बचाव के उपाय

सुरक्षित यौन संबंध:  कंडोम का उपयोग करें।  

स्वच्छ सुई का उपयोग:  इंजेक्शन, टैटू या अन्य चिकित्सा उपकरण हमेशा साफ और संक्रमण मुक्त हों।  

ब्लड टेस्टिंग: खून चढ़ाने से पहले एचआईवी टेस्ट करें।  

एचआईवी संक्रमित मां की देखभाल: गर्भावस्था के दौरान एंटी-रेट्रोवायरल (ART) थेरेपी लें।  

समय पर जांच: नियमित रूप से एचआईवी टेस्ट कराएं।  

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उपचार और प्रबंधन

 एड्स का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (ART) के जरिए एचआईवी के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।  रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पोषण और नियमित स्वास्थ्य जांच जरूरी है।  विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एड्स प्रभावित लोगों के साथ सहानुभूति और समर्थन बढ़ाना, साथ ही एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता फैलाना है।  सही जानकारी, बचाव और नियमित जांच से एड्स को रोका जा सकता है। अपने और समाज के स्वास्थ्य के लिए जागरूक रहें।
 


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Content Writer

vasudha

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