अब नहीं रोक पाएगा कोई तेरी उड़ान! हर कामकाजी महिलाओं को पता होने चाहिए ये 5 कानून
punjabkesari.in Sunday, Apr 30, 2023 - 03:02 PM (IST)
आज महिलाएं पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में कदम से कदम मिलकार चल रही हैं। घर हो या बाहर हर जगह उनका दबदबा नजर आता है। लेकिन अक्सर बाहर काम कर रही महिलाओं को उत्पीड़न, स्त्री द्वेष, महिलाओं का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न, लिंग भेद जैसी चीजें का सामना करना पड़ता है और बहुत सी महिलाओं के लिए ये सब उनके जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। पर, अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो इन बाधाओं को पार करना ही होगा। भारतीय संविधान में Working वुमन के लिए सुरक्षा और समानता से जुड़े कई कानून बनाए गए हैं, जो महिलाओं को सशक्त बनाते हैं। तो चलिए जानें ऐसे ही कुछ भारतीय कानूनों के बारें में जिनकी जानकारी हर महिला को होनी चाहिए...
समान वेतन का अधिकार
समान वेतन का अधिकार हर महिला का हक है। समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार, अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता।
मातृत्व संबंधी लाभ के लिए अधिकार
मातृत्व लाभ कामकाजी महिलाओं के लिए सिर्फ सुविधा नहीं बल्कि ये उनका अधिकार है। मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत एक नई मां के प्रसव के बाद 12 सप्ताह(तीन महीने) से बढ़ाकर 26 सप्ताह तक कर दिया गया है। 12 सप्ताह के लिए महिला के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाती और वो फिर से काम शुरू कर सकती है।
काम पर हुए उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार
अक्सर महिलाओं को ऑफिस में यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। अगर कोई सहकर्मी या बॉस लगातार आपके मना करने के बाद भी अगर आपके साथ यौन उत्पीड़न हो रहा है तो बता दें 2013 में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम बनाया गया है। इस नियम के तहत यौन उत्पीड़न की शिकायतों को ना सिर्फ Seriously लिया जाएगा बल्कि उचित कार्यवाही के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम भी उठाए जाएंगे।
नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाएं
यदि कोई महिला रात की शिफ्ट में काम करती हैं, तो आपके बॉस का फर्ज बनता है कि वो आपको एक सुरक्षित काम करने का वातावरण दें। वहीं यदि एक महिला निर्धारित सीमा से ज्यादा नाइट शिफ्ट में काम करने की आवश्यकता है तो बॉस को खुद भी approval लेना होगा। approval में रात की नाइट शिफ्ट के दौरान पर्याप्त सुरक्षा और transport करने जैसी शर्तें शामिल हैं। हालांकि, एक महिला के रूप में, अगर आपको कभी भी काम पर किसी भी तरह के उत्पीड़न/भेदभाव का सामना करना पड़ता है, तो बोलने और उचित कार्रवाई करने में कभी संकोच न करें।
कारखाने में काम करने वाली महिलां जान ले कानून
क्या आप किसी ऐसे कारखाने में काम करती हैं जहां की स्थिति बहुत खराब है। ऐसे में आप अपने बॉस को सजा दिलवा सकती हैं। काम करने की बेहतर तब आपके नियोक्ता को दंडित किया जा सकता है। काम करने की उचित परिस्थितियों में स्वास्थ्य, सुरक्षा, कल्याण, उचित काम के घंटे, छुट्टी और अन्य लाभ सुनिश्चित करना शामिल है। महिला कर्मचारियों को उनकी शिफ्ट के समय में बदलाव होने पर 24 घंटे पहले नोटिस मिलना चाहिए। यदि कोई कारखाना 30 से ज्यादा महिला श्रमिकों को काम पर रखता है, तो उन्हें 6 साल और उससे कम आयु के बच्चों के लिए एक क्रेच की सुविधा देनी चाहिए।