पति की प्रेमिका से पत्नी मांग सकती है हर्जाना, शादी में दखल देने पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Sunday, Sep 21, 2025 - 04:56 PM (IST)

नारी डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई तीसरा व्यक्ति जानबूझकर पति-पत्नी के रिश्ते में दखल देता है और उनके वैवाहिक जीवन को नुकसान पहुंचाता है, तो प्रभावित जीवनसाथी उस व्यक्ति से हर्जाना मांग सकता है। यह फैसला एक ऐसे मामले में आया है जहां एक महिला ने अपने पति की कथित प्रेमिका से 4 करोड़ रुपये हर्जाने का दावा किया है।
क्या है मामला?
यह मामला एक दंपति से जुड़ा है जिनकी शादी 2012 में हुई थी और 2018 में उन्हें जुड़वां बच्चे हुए। पति की कंपनी में एक महिला विश्लेषक के तौर पर काम करने लगी, जिसने पति से नजदीकियां बढ़ाईं। पत्नी का आरोप था कि वह महिला जानती थी कि पति शादीशुदा है, फिर भी उसने उसके पति से रिश्ता बनाया। 2023 में पति ने क्रूरता का हवाला देते हुए तलाक की अर्जी दी। इसके बाद पत्नी ने हाईकोर्ट में पति की प्रेमिका से चार करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की।
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है कि अगर किसी तीसरे व्यक्ति ने जानबूझकर हस्तक्षेप करके शादी को नुकसान पहुंचाया है, तो जीवनसाथी उस प्रेमी/प्रेमिका पर हर्जाने के लिए मुकदमा कर सकता है। pic.twitter.com/trd7tT8X2q
— Srishti vishwakarma (@Srishtivishwak4) September 21, 2025
कोर्ट ने क्या कहा?
जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने आदेश में कहा कि भारत के पारिवारिक कानून जैसे हिंदू विवाह अधिनियम केवल पति-पत्नी के बीच के मामलों और फैमिली कोर्ट के अधिकार क्षेत्र तक सीमित हैं। इनमें तीसरे व्यक्ति के खिलाफ सीधे कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर वैवाहिक संबंध में दखल देता है और नुकसान पहुंचाता है, तो प्रभावित जीवनसाथी सिविल कोर्ट में मुआवजे का दावा कर सकता है।
‘एलियनएशन ऑफ अफेक्शन’ क्या है?
‘एलियनएशन ऑफ अफेक्शन’ (Alienation of Affection) एक सिविल कानून की धारणा है, जो पुराने अंग्रेज़-अमेरिकी कानून से आई है। इसका मतलब है कि अगर कोई तीसरा व्यक्ति जानबूझकर पति-पत्नी के प्यार और स्नेह को खत्म करता है या शादी को तोड़ता है, तो उस व्यक्ति से आर्थिक मुआवजा लिया जा सकता है। भारत के कानून में इस सिद्धांत को अभी तक आधिकारिक रूप से शामिल नहीं किया गया है, लेकिन अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
पत्नी के वकील की दलीलें
पत्नी की तरफ से वकील मालविका राजकोटिया ने कहा कि शादी में पत्नी का पति के प्यार और साथ पर वैध अधिकार होता है, जिसे प्रेमिका ने जानबूझकर छीना है। पति के वकील ने कहा कि यह मामला तलाक की कार्यवाही के खिलाफ जवाबी हमला है। वहीं प्रेमिका के वकील का कहना था कि किसी से भी रिश्ते बनाने पर हर्जाने का दावा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह उनका कानूनी दायित्व नहीं था।
अदालत का जवाब
कोर्ट ने प्रेमिका के वकील की बात खारिज करते हुए कहा कि किसी को अपनी निजी जिंदगी चुनने की आज़ादी है, लेकिन अगर उसका व्यवहार किसी की वैवाहिक जिंदगी को नुकसान पहुंचाता है तो इसके सिविल परिणाम हो सकते हैं। अदालत ने कहा कि शादी में अंतरंगता और साथ को संरक्षित माना जाता है और तीसरे पक्ष को इसमें दखल नहीं देना चाहिए।
फैसले का असर क्या होगा?
यह फैसला भारत में एक नई कानूनी बहस शुरू कर सकता है। अब पति या पत्नी अपने वैवाहिक जीवन में दखल देने वाले तीसरे व्यक्ति से हर्जाना मांग सकते हैं। हालांकि, अगर पति-पत्नी की सहमति से संबंध बने हों, तो तीसरे व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं होगी। यह फैसला वैवाहिक रिश्तों की गरिमा और पवित्रता को कानून के नजरिए से नया महत्व देता है।