भारत में कोरोना से गर्भवती महिलाओं की क्यों हो रही मौत?

punjabkesari.in Wednesday, May 26, 2021 - 06:12 PM (IST)

कोरोना की दूसरी लहर से दुनियाभर में डर का माहौल है। खासकर गर्भवती महिलाओं को कोरोना की दूसरी लहर काफी परेशान कर रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल कोरोना के कारण प्रेगनेंट औरतों की स्थिति काफी क्रिटिकल हो रही हैं। यही नहीं, वायरस उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी प्रभावित कर रहा है।

गर्भवती महिलाओं पर असर डाल रहा कोरोना

इस साल ऐसे केसेज सामने आए जिनमें ज्यादातर गर्भवती महिलाएं श्वसन सिंड्रोम के साथ हॉस्पिटल पहुंची और उनके फेफड़े भी खराब हो गए थए। वहीं, करीब 15 गर्भवती महिलाओं में से 11 ऑक्सीजन सपोर्ट पर, दो वेंटिलेटर और एक ठीक हो रही थी। जीआईएमएस के डॉक्टरों ने हाल ही बताया कि पिछले साल कोविड -19 की पहली लहर के दौरान अधिकांश गर्भवती महिलाओं में मध्यम लक्षण थे और वे थे कुछ दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद ठीक हो रही थी। जबकि अब गर्भवती महिलाओं पर कोरोना काफी असर डाल रहा है।

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किन महिलाओं को अधिक खतरा

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाली गर्भवती महिलाओं को इसका अधिक खतरा है। गर्भवती महिलाओं में वायरस से संक्रमित होने के बाद फेफड़ें खराब हो रहा हैं। हाल ही में एक ऐसा केस सामने आया, जिसमें गर्भवती महिला के फेफड़े एक्स-रे पर हड्डी की तरह सफेद दिख रहे थे। यही नहीं, उसकी सांस की थैली तरल पदार्थ से भरी हुई थी जो रक्त वाहिकाओं से फेफड़ों में लीक हो रही थी।

गर्भवती महिलाओं की मौत के आंकड़े भी बढ़े

कोरोना की दूसरी लहर में गर्भवती महिलाओं को वेंटिलेशन की जरूरत भी ज्यादा देखने को मिली। इसके कारण डिलीवरी सर्जरी, गर्भपात और मां की मौत के केस भी काफी बढ़ गए हैं। पूरे देश में इस तरह के 20 से 25 मामले आ चुके हैं। आम दिनों में 4 दर्जन गर्भवती महिलाओं के भर्ती होने का आंकड़ा सामने आया है, जिसमें से 2 दर्जन महिलाओं की मौत हो चुकी है।

क्या मां से बच्चे को हो सकता है कोरोना?

प्रेगनेंट औरतें हाई रिस्क ग्रुप में इसलिए आती हैं क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है। हालांकि मां से बच्चे को कोरोना होने का रिस्क सिर्फ 2-3 फीसद ही होता है। 100 में से 98 फीसद मामलों में मां से शिशु को कोरोना नहीं होती।

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कैसे सुरक्षित रहें प्रेगनेंट औरतें?

-बिना किसी काम के घर से बाहर न निकलें। डॉक्टर से अपॉइंटमेंट के लिए घर से बाहर निकलें।
-मास्क लगाएं , सोशल डिस्टेंसिंग  और हाथों को सैनेटाइज करना जैसे नियमों का ख्याल रखें।
-हैल्दी डाइट लें और खूब पानी पीएं। इसके अलावा हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी करती रहें।

दूसरी लहर में गर्भवती महिलाओं के हालात काफी डराने वाले हैं। अगर समय रहते इसे संभाला नहीं गया तो तीसरी लहर में यह ओर भी ज्यादा खतरनाक साबित होगी।


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Content Writer

Anjali Rajput

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