Ear Itching: ठंडा खाते ही कान में क्यों होती है तेज खुजली?
punjabkesari.in Sunday, Jun 28, 2020 - 02:54 PM (IST)
कई बार कुछ भी ठंडा-गर्म खाने से दांतों में झनझनाहट और तेज दर्द होने लगता है। वहीं कई बार ठंडा खाने पर कुछ लोगों को कान में खुजली या झनझनाहट होने लगती है। कुछ ठंडा खाने या पीने के बाद कान में तेज खुजली के कारण की बार ठीक से सुनाई भी नहीं देता। आज हम आपको बताएंगे, ठंडा खाने पर कान में खुजली क्यों होती है और इसका इलाज कैसे करें...
गले में जमा होता है कफ
ऐसा रात को सोते समय गले में कफ इकट्ठा होने की वजह से होता है। कान, नाक व गले की नसें आपस में मिली हुई होती हैं, जिसकी वजह से सोते समय कफ का फ्लो गले की तरफ हो जाता है। इससे रात को कफ गले में इकट्ठा होता रहता है। कई बार खांसी के जरिए गले में जमा कफ निकल जाता है मगर, कई बार वो वहीं जमा रह जाता है।
ठंडा खाते ही कान में क्यों होती है तेज खुजली?
अगर गले में कफ गिरने की समस्या कई सालों तक बनी रहे तो कान की नर्व्स में नमी रहने लगती है। कई बार इसकी वजह से कान में फंगस भी हो जाती है, जिससे ठंडा खाते या पीते समय खुजली व झनझनाहट महसूस होती है।
पानी जाने से भी हो सकती है खुजली
कई बार नहाते समय कान में पानी चले जाने की वजह से भी खुजली व दर्द हो सकता है। ऐसे में आप जिस कान में पानी गया हो उसे जमीन ले लगाकर कुछ लेट जाए और धरती पर थप्पड़ मारे। कपन से कान का पानी निकल जाएगा।
क्या करें?
. सबसे पहले ठंडी चीजें खाना बंद करें। साथ ही कुछ समय के लिए खट्टी चीजों से भी परहेज रखें।
. गर्म पानी, चाय, कॉफी या सूप जैसी चीजों का सेवन करें। इससे गले और कान की नर्व्स की सिकाई होगी, जिससे राहत मिलेगी।
. एलोवेरा जूस की कुछ बूंदें कान में डालने से खुजली कम हो जाती है। यह कान के टिशू में होने वाले सूजन को भी कम करता है, जिससे खुलजी की परेशानी दूर हो जाती है।
. सरसों के तेल को गुनगुना करके 2-3 बूंदे कान में डालें और कॉटन लगा लें। इससे नर्व्स की सिकांई होगी और खुजली से आराम मिलेगा।
भूलकर भी ना करें ये काम
. कान के अंदर बार-बार उंगली डालने, रुई का टुकड़ा और कॉटन बड ना डालें।
. कान में कठोर चीज का यूज ना करें। इससे कान की अंदरुनी त्वचा डैमेज हो सकती है।
. ईयरफोन का कम से कम इस्तेमाल करें।
. कान को नमीमुक्त रखने से इंफेक्शन का खतरा काफी बद तक कम हो जाता है इसलिए नहाने या स्विमिंग के बाद कान को सुखा लें।
अगर लंबे समय तक यह समस्या ठीक ना हो तो बेहतर होगा कि आप किसी ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास जाएं।