लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की पत्नी को क्यों किया जा रहा ट्रोल? NCW ने जताई कड़ी आपत्ति

punjabkesari.in Monday, May 05, 2025 - 11:11 AM (IST)

नारी डेस्क: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के अफसर लेफ्टिनेंट विनय नारवाल शहीद हो गए। इस हमले में 26 लोगों की जान गई। विनय अपनी पत्नी हिमांशी नारवाल के साथ हनीमून पर गए थे, शादी को कुछ ही दिन हुए थे। हमले के बाद हिमांशी नारवाल पहली बार मीडिया के सामने आईं और उन्होंने एक भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ यह चाहती हूं कि पूरा देश विनय के लिए दुआ करे। जहां भी वो हों, सुकून में हों और एक बात और मैं देख रही हूं कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं। हम ऐसा नहीं चाहते। हम सिर्फ अमन चाहते हैं, सिर्फ अमन।"

सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बनीं हिमांशी

हिमांशी के इस शांति संदेश के बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उन्हें निशाना बनाना शुरू कर दिया। कई यूज़र्स ने उनके विचारों की आलोचना की और उन्हें 'ग़लत' कहकर ट्रोल करना शुरू किया। ट्रोलिंग का यह सिलसिला इतना बढ़ गया कि इसे लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को सख्त रुख अपनाना पड़ा।

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NCW ने कहा – 'ट्रोलिंग बर्दाश्त नहीं करेंगे'

राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस पूरे मामले पर गंभीरता से संज्ञान लिया और X (पहले ट्विटर) पर एक बयान जारी किया। बयान में कहा,"लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की शहादत के बाद उनकी पत्नी हिमांशी नारवाल द्वारा दिए गए बयान पर जिस तरह से उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है, वह बेहद निंदनीय और अफसोसनाक है।"

आयोग ने साफ शब्दों में कहा,"किसी भी महिला को उसके निजी विचारों या जीवन को लेकर निशाना बनाना मंज़ूर नहीं किया जा सकता। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।" 'अभिव्यक्ति की आज़ादी का सम्मान होना चाहिए'। NCW ने आगे कहा कि,"हर नागरिक को अपने विचार रखने का अधिकार है, लेकिन यह अभिव्यक्ति मर्यादा और शालीनता के दायरे में होनी चाहिए। असहमति ज़ाहिर करना आपका हक है, लेकिन अपमानजनक भाषा और ट्रोलिंग की इजाज़त नहीं दी जा सकती।" आयोग ने यह भी दोहराया कि वह हर महिला की गरिमा और सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

'पूरा देश दुखी और गुस्से में है'

बयान में NCW ने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की सख्त निंदा की। उन्होंने कहा,"इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हम सब बेहद आहत हैं और देशभर में इसको लेकर गुस्सा है।" आयोग ने यह भी बताया कि हमले के दौरान आतंकियों ने लेफ्टिनेंट विनय नारवाल से उनका मजहब पूछा, और फिर नज़दीक से गोली मार दी।

हिमांशी नारवाल ने जिस परिस्थिति में एक शांति संदेश दिया, वह एक मानवीय अपील थी। उन्हें ट्रोल करना न सिर्फ़ अनुचित है, बल्कि यह हमारे समाज की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाता है।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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