आखिर 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस? इतिहास की इन बातों से आप होंगे अनजान

punjabkesari.in Friday, Jan 26, 2024 - 12:59 PM (IST)

भारत इस बार 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। ये देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है। आज के दिन देश का संविधान लागू हुआ था ये बात तो सब को पता है, पर क्या आपको पता है कि आखिर 26 जनवरी की तारीख को ही क्यों चुना गया? लोग आज के दिन के इतिहास से जुड़ी कई सारी बातों से अनजान हैं। चलिए आपको बताते हैं हम इसके बारे में...

26 जनवरी की तारीख ही क्यों चुनी गई?

15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा मिल गया था। हालांकि लगभग 3 साल बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान तो अपनाने के साथ भारत ने खुद को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्र राज्य घोषित किया। इसी दिन को तब से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। 26 जनवरी की तारीख चुनने के पीछे ये कारण बताया जाता है। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने दिसंबर 1929 में लाहौर अधिवेशन में ऐतिहासिक पूर्ण स्वराज ( पूर्ण स्वतंत्रता) का प्रस्ताव पारित किया था। इसी कड़ी में 26 जनवरी 1930 की तारीख को पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। आजादी मिलने के बाद 15 अगस्त 1947 को अधिकारिक रूप से स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया। 26 जनवरी की तारीख के महत्व को बरकरार रखने के लिए इसी दिन साल 1950 में संविधान लागू किया और आज तक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 

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इतने दिनों में तैयार हुआ था संविधान

हमारे संविधान को बनने में लगभग 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। 26 नवबंर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को मंजूरी दी थी। इसी वजह से इस दिन हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है।

कई देशों से प्रेरित हैं देश का संविधान

हमारे देश का संविधान अलग- अलग देशों से प्रेरित है। इसके ज्यादातर प्रावधान अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, सोवियत संघ, आयरलैंड समेत अन्य देशों से लिए गए हैं।

सबसे बड़ा लोकतंत्र है भारत

शायद ही आपको ये बात पता हो कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। ये दुनिया का सातवां बड़ा देश है और ऐतिहासिक सभ्यताओं में से एक भी।

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ऐसे पड़ा भारत का नाम ‘इंडिया’

हमारे देश भारत को इंडिया नाम से भी जाना जाता है। ये इंग्लिश नाम अंग्रजी नाम इंडस नदी से बना है, जिसके आस- पास की घाटी में आरंभिक सभ्यताएं रहा करती थी। इंडस नदी को सिंधु भी कहा जाता था।

 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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