Budh Purnima 2022: क्यों मनाई जाती है बुद्ध पुर्णिमा, जानिए Mahatma Budh के विचार और उपदेश
punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 10:42 AM (IST)
बौद्ध धर्म के लोगों का त्योहार आज बुद्ध पूर्णिमा मनाया जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। 16 मई यानि आज के दिन बुद्ध पूर्णिमा के रुप में इस दिन को मनाया जा रहा है। शास्त्रों के मुताबिक, वैशाख पूर्णिमा का बहुत ही महत्व माना जाता है। आज ही दिन दोपहर 1 बजकर 6 मिनट पर विशाखा नक्षत्र भी शुरु हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि विशाखा नक्षत्र से युक्त होने के कारण ही इस पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा का नाम दिया जाता है। विशाखा का अर्थ होता है विभाजित या एक से अधिक शाखाओं वाला। इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं।
कौन थे महात्मा बुद्ध
गौतम बुद्ध का जन्म 623 ई. में हुआ था। उनके नाम सिद्धार्थ भी है। उनका जन्म नेपाल के लुम्बिनी गांव में हुआ था। बुद्ध के जन्म के सात दिन बाद ही उनकी मां का निधन हो गया था। मां के निधन के बाद उनकी मौसी गौतमी ने ही उनका पालन पोषण किया। उन्होंने गुरु विशवामित्र से वेद उपनिश्द, राजकाज और युद्ध विद्या की शिक्षा ली थी।
क्या है महात्मा बुद्ध के 10 विचार
क्रोध न करें
भगवान बुद्ध कहते हैं कि व्यक्ति को क्रोध नहीं करना चाहिए। क्योंकि क्रोध की कोई सजा नहीं मिलती। बल्कि क्रोध से सजा मिलती है।
धोखेबाज दोस्त होता है दुश्मन
गौतम बुद्ध कहते हैं हिंसक पशु से ज्यादा खतरनाक, धोखेबाज और दुष्ट शत्रु मित्र होता है। वह आपके विवेक और बुद्धि को भी हानि पहुंचाता है। व्यक्ति को हमेशा ऐसे दोस्तों से दूर ही रहना चाहिए।
शक न करें
बुद्ध कहते हैं कि कभी भी किसी पर शक या फिर संदेह न करें। ऐसा करने से आपके रिश्ते टूट जाते हैं। चाहे वह आपके मित्र ही क्यों न हो।
मोह माया से दूर रहना चाहिए
बुद्ध कहते हैं कि व्यक्ति को मोह माया और बंधन से मुक्त रहना चाहिए। जो लोग जितने लोगों से प्यार करते हैं वो लोग उतने ही दुखी रहते हैं। जो प्रेम से दूर रहते हैं वे संकट से भी मुक्त होते हैं।
खुद पर जीत करें हासिल
बुद्ध के अनुसार, खुद पर जीत हासिल करना लड़ाईयां जीतने से बेहतर हैं क्योंकि हमेशा जीत आपकी ही होगी।
तीन चीजें छुपाई नहीं जा सकती
इस संसार में कभी भी तीन चीजें छुपाई नहीं जा सकती। जैसे सूरज, चांद और सच।
घृणा होगी प्रेम से खत्म
आप किसी दूसरे की घृणा खुद उससे घृणा करके नहीं खत्म कर सकते। घृणा को सिर्फ प्यार से ही खत्म किया जा सकता है।
बीते समय के बारे में न सोचें
बुद्ध कहते हैं कि जो समय चला गया उसके बारे में कभी भी न सोचें जो आने वाला है उसकी चिंता करें। वर्तमान में आपके साथ क्या हो रहा है उस पर ध्यान दें। इससे ही आपको असली खुशी प्राप्त होगी।
मन को रखें साफ
महात्मा बुद्ध कहते हैं कि अपने मन को हमेशा साफ रखें। यदि आपका मन बदल जाएगा तो उसमें कोई गलत या फिर बुरा विचार नहीं आएगा। मन में बुरे काम जन्म ही नहीं लेंगे।
स्वंय को रखें सेहतमंद
बुद्ध कहते हैं स्वंय को सेहतमंद रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। यदि आपका शरीर स्वस्थ रहेगा तो ही मन स्वस्थ रहेगा और उसमें अच्छे विचारों का जन्म होगा।