भारत के पहले बोन मैरो डोनर थे सलमान खान, इस नेक काम से बचाई अनजान बच्ची की जान

punjabkesari.in Monday, Jul 29, 2024 - 05:30 PM (IST)

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान किसी न किसी वजह से हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। अपनी कथित गर्लफ्रेंड लूलिया वंतूर की बर्थडे पार्टी करने के बाद अब उनसे जुड़ी ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुन हर कोई उन्हें दिल से सलाम कर रहा है। उन्हें अक्सर उनके संगठन बीइंग ह्यूमन के लिए सराहा जाता है जो मानवता की भलाई के लिए काम करता है। लगभग 14 साल पहले भाई जान ने एक बच्ची के लिए जो किया उसे करने की हर किसी में हिम्मत नहीं है।

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गरीब और जरूरतमंद की मदद करते आए हैं सलमान खान 

यह तो हम सभी जानते हैं कि सलमान खान ने कई बार गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की है। 2010 में, इस बात की जोरदार चर्चा थी कि सलमान खान पहले भारतीय बोन मैरो डोनर थे जिन्होंने अपने अच्छे काम से पूजा की जान बचाई थी। उस बच्ची को उसे बोन मैरो ट्रांसप्लांट की तत्काल आवश्यकता थी और मैरो डोनर रजिस्ट्री, इंडिया को दिए गए अपने वादे के तहत सलमान अपना बोन मैरो दान करने के लिए आगे आए थे। 

सलमान खान ने पूरा किया था वादा

दरअसल सलमान खान ने एक इवेंट के दौरान वादा किया था कि अगर उनका बोन मैरो मैच कर जाएगा तो वह इसे दान करेंगे। इस वादे को उन्होंने निभाया भी। इस तरह सलमान खान भारत के पहले बोन मैरो डोनर बन गए थे। MDRI के बोर्ड मेंबर डॉ. सुनील पारेख ने तब इस बात का खुलासा किया था। बता दें कि बोन मैरो डोनर उस व्यक्ति होता है जो अपनी हड्डी के भीतर के स्पंजी टिश्यू, जिसे बोन मैरो कहते हैं, को किसी अन्य व्यक्ति की जान बचाने के लिए दान करता है।

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किसे होती है बोन मैरो की जरूरत

बोन मैरो में हेमटोपोएटिक स्टेम सेल्स होती हैं, जो रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, और प्लेटलेट्स) का उत्पादन करती हैं। जब किसी व्यक्ति का बोन मैरो या स्टेम सेल्स ठीक से काम नहीं करते, तो बोन मैरो ट्रांसप्लांट एक संभावित उपचार होता है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट कई गंभीर बीमारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार है, जैसे कि ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, एनीमिया, और अन्य रक्त विकार। इन बीमारियों में, मरीज का बोन मैरो ठीक से काम नहीं करता, और स्वस्थ बोन मैरो की आवश्यकता होती है।

मरीज को मिलता है नया जीवन

 बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से, बीमार या क्षतिग्रस्त बोन मैरो को स्वस्थ स्टेम सेल्स से बदल दिया जाता है। ये स्वस्थ स्टेम सेल्स मरीज के शरीर में जाकर नए, स्वस्थ रक्त कोशिकाओं का उत्पादन शुरू करते हैं। बोन मैरो ट्रांसप्लांट न केवल मरीज की जान बचा सकता है, बल्कि उसकी जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकता है। यह ट्रांसप्लांट मरीज को एक नया जीवन प्रदान कर सकता है, जिससे वे फिर से सामान्य जीवन जी सकते हैं।

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 बोन मैरो डोनेशन की प्रक्रिया

डोनर का चयन एचएलए (HLA) मैचिंग के आधार पर किया जाता है। एचएलए (Human Leukocyte Antigen) टाइपिंग एक परीक्षण है जिससे डोनर और मरीज के बीच का मेल देखा जाता है। डोनर का शारीरिक परीक्षण और खून के नमूने लिए जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह स्वस्थ है और डोनेशन के लिए उपयुक्त है।   - डोनर को कुछ समय के लिए आराम और देखभाल की जरूरत होती है, ताकि वे पूरी तरह से स्वस्थ हो सकें।


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Content Writer

vasudha

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