नवरात्रि के बीच में अगर पीरियड आ जाए तो क्या करें? इन नियमों का रखें ध्यान
punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 04:04 PM (IST)

नारी डेस्क: नवरात्रि के पावन अवसर पर महिलाएं व्रत और पूजा का विशेष ध्यान रखती हैं। लेकिन कई बार नवरात्रि के बीच में अचानक मासिक धर्म (पीरियड) आ जाने से वे असमंजस में पड़ जाती हैं कि अब व्रत कैसे करें या पूजा में शामिल हो सकती हैं या नहीं। मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, लेकिन नवरात्रि जैसे धार्मिक समय पर इसके साथ जुड़े कुछ खास नियम और परंपराएं होती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यदि नवरात्रि के दौरान पीरियड आ जाए तो आपको किन नियमों का पालन करना चाहिए और किस तरह से आप अपने व्रत और पूजा को सही तरीके से निभा सकती हैं।
मासिक धर्म क्या है?
मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जो हर महिला के शरीर में होती है। यह लगभग हर महीने एक निश्चित दिन होती है, लेकिन कभी-कभी शरीर की स्थिति के कारण यह पहले या बाद में भी हो सकती है।
नवरात्रि में मासिक धर्म हो जाए तो क्या करें?
यदि नवरात्रि के बीच में मासिक धर्म शुरू हो जाए, तो पहली चार दिन तक महिलाएं पूजा स्थल पर ना जाएं और पूजा सामग्री को ना छुएं। यह साफ-सफाई और पवित्रता बनाए रखने के लिए जरूरी है। इस दौरान महिलाएं मानसिक रूप से पूजा कर सकती हैं। यानी घर पर बैठकर मन ही मन माता की पूजा और व्रत कर सकती हैं। इससे व्रत का पूरा फल मिलता है। पांचवें दिन से महिलाएं फिर से पूजा और व्रत में भाग ले सकती हैं। पूजा स्थल और सामग्री से जुड़ी बातें। पीरियड वाली महिलाएं पूजा स्थल पर नहीं जा सकतीं। उन्हें पूजा की सामग्री छूने से बचना चाहिए। माता के भोग की सफाई या भोग लगाने का काम भी पीरियड में नहीं करना चाहिए।
कन्या पूजन और हवन के नियम
यदि मासिक धर्म चार दिन से अधिक चलता है, तो महिलाओं को खुद कन्या पूजन या हवन नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में ये काम पति या परिवार के किसी सदस्य से करवाना चाहिए।
विशेष परिस्थिति में क्या करें?
अगर घर में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो कन्या पूजन या हवन कर सके, तो महिलाएं नवरात्रि के बजाय पूर्णिमा की तिथि पर ये पूजा कर सकती हैं। मासिक धर्म के दौरान पहली चार दिन पूजा स्थल पर ना जाएं। पांचवें दिन से पूजा में शामिल हो सकती हैं। मानसिक रूप से पूजा करें। पूजा सामग्री और भोग को छूना या साफ करना वर्जित है। कन्या पूजन और हवन पति या परिवार से करवाएं।
इस प्रकार, नवरात्रि में मासिक धर्म आने पर भी महिलाएं अपने व्रत और पूजा का पालन कर सकती हैं, बस कुछ नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है।