मंत्रियों को दौड़ाकर मारा, सुप्रीम कोर्ट, पीएम दफ्तर सब फूंक डाला... आग में जल रहा है पूरा नेपाल
punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 08:10 AM (IST)

नारी डेस्क: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद भी देश के कई हिस्सों में मंगलवार को हिंसा जारी रही। प्रदर्शनकारियों ने संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी। कर्फ्यू के बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों में आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट की कई घटनाओं के बाद सेना ने मंगलवार रात से सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल ली।
दल्लू में भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के घर में आग लगा दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घर के अंदर फंसी उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार गंभीर रूप से झुलस गईं। पारिवारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि राज्यलक्ष्मी को गंभीर हालत में कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। खनाल फरवरी 2011 से अगस्त 2011 तक प्रधानमंत्री रहे।
प्रदर्शनकारी समूहों ने उच्चतम न्यायालय भवन, सरकार के मुख्य प्रशासनिक परिसर सिंहदरबार, प्रधानमंत्री आवास और महाराजगंज स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में आग लगा दी। काठमांडू के तिनकुने इलाके में स्थित कांतिपुर टेलीविजन कार्यालय में भी आंदोलनकारी समूह ने तोड़फोड़ की और इमारत को आग लगा दी।
प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा के पूर्वी काठमांडू स्थित बुधनीलकांठा स्थित घर को भी आग के हवाले कर दिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें प्रदर्शनकारियों को देउबा और उनकी पत्नी, विदेश मंत्री आरज़ू राणा को उनके घर से बंधक बनाते हुए देखा गया। इस झड़प में दंपति को चोटें आईं और वे खून से लथपथ दिखाई दिए। प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू स्थित पांच सितारा हिल्टन होटल में भी आग लगा दी।
माना जाता है कि देउबा के बेटे जयबीर का इस होटल में बड़ा हिस्सा है। उन्होंने ललितपुर के खुमालतार स्थित आरज़ू के स्वामित्व वाले उल्लेन्स स्कूल में भी तोड़फोड़ की। सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में उप-प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल को प्रदर्शनकारियों द्वारा पीछा करते और बाद में उन पर हमला करते हुए देखा गया है। एक वीडियो संदेश में, सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने देश भर के प्रदर्शनकारी समूहों से अपने विरोध कार्यक्रमों को स्थगित करने और बातचीत में शामिल होने का आग्रह किया।