वैष्णो देवी यात्रा पर संकट, इस बार नवरात्रि में मां के दरबार में हाजिरी नहीं लगा सकेंगे भक्त
punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 03:28 PM (IST)

नारी डेस्क: जो भक्त नवरात्रि में माता वैष्णो देवी के दरबार जाने की सोच रहे हैं, वह अभी ठहर जाएं। भारतीय रेलवे ने जम्मू–कटरा रूट की 68 ट्रेनों को 30 सितम्बर तक रद्द कर दिया है। यानी कि इस बार नवरात्रि में माता के दर्शन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश और भूस्खलन से ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसकी मरम्मत का काम जारी है। इस वजह से नियमित रेल सेवाएं बाधित हैं।

शटल सेवाएं भी स्थगित
अभी तक सरकार या रेलवे की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि यात्रा पर रोक लगेगी, लेकिन हालात यह इशारा कर रहे हैं कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस बार मां के दरबार तक नहीं पहुंच पाएंगे। वहीं इसी बीच स्थानीय लोगों तथा फंसे हुए यात्रियों की मदद के लिए जम्मू और कटरा के बीच शुरू की गई चार ट्रेनों की शटल सेवाएं बुधवार को भारी बारिश और बाढ़ के कारण स्थगित कर दी गईं। नयी दिल्ली से कटरा तक की निर्धारित ट्रेन सेवाएं भी रद्द कर दी गई हैं। एक सितंबर से शुरू हुई ये शटल सेवाएं 15 सितंबर तक चलने वाली थीं।
रेल लाइन में आई दरारें
रेलवे के एक अधिकारी ने कहा- ‘‘जम्मू और कटरा के बीच दैनिक यात्रियों और फंसे हुए लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए शुरू की गई शटल सेवा आज रद्द कर दी गई है।'' उन्होंने कहा कि भारी बारिश और पटरियों पर पानी भर जाने के कारण यह कदम उठाया गया है। पठानकोट-जम्मू सेक्शन में 26 अगस्त को भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण रेल लाइन में आई दरारों तथा गलत संरेखण के कारण जम्मू रेलवे मंडल में रेल यातायात पिछले नौ दिन से बाधित है। हालांकि, रेलवे फंसे हुए यात्रियों को जम्मू से उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए विशेष रेलगाड़ियां चला रहा है।

भवन में भूस्खलन से 34 लोगों की गई जान
पिछले चार दिनों में कुल 5,784 फंसे हुए यात्रियों को सात विशेष रेलगाड़ियों से उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाया गया है। इस क्षेत्र में 26 अगस्त से लगातार हो रही बारिश के कारण ट्रेन और सड़क यातायात दोनों में भारी व्यवधान आया है, तथा कई तीर्थयात्री फंस गए हैं। कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास भूस्खलन में 34 लोगों की जान चली गई थी। इसी कारण बुधवार को नौवें दिन भी तीर्थयात्रा स्थगित रही। पिछले बुधवार को जम्मू में 1910 के बाद से सबसे अधिक 380 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।
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