महिलाओं की बच्चेदानी हैवी हो जाए तो हर समय रहता कमर में दर्द-कब्ज, लक्षण, कारण और इलाज जानिए

punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 09:01 PM (IST)

नारी डेस्कः बहुत बार आपने महिलाओं को ये कहता सुना होगा कि उनकी बच्चेदानी यानि गर्भाश्य में सूजन है। गर्भाश्य की इस सूजन को  (Uterine inflammation) को एंडोमेट्राइटिस या एंडोमेट्रियोसिस भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है, जिससे सूजन हो सकती है। यह सूजन गर्भाशय की मांसपेशियों या अंदरूनी परत (Endometrium) में होती है और यह अस्थायी भी हो सकती है और कुछ मामलों में गंभीर रोग का रूप भी ले सकती है लेकिन इस समस्या का अगर समय पर उपचार न हो तो यह फाइब्रॉइड, बांझपन या यहां तक कि कैंसर का कारण बन सकती है।

गर्भाशय में सूजन के लक्षण

गर्भाश्य में सूजन होने पर महिलाओं के शरीर में कई तरह के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। जैसेः
लगातार बैली फैट बढ़ना और पेट का सख्त होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द-दबाव, गैस और कब्ज
कमर दर्द, खासकर पेल्विक एरिया में। बुखार रहना।
प्राइवेट पार्ट में खुजली या जलन
पीरियड्स में अत्यधिक दर्द, ठंड लगना
यौन संबंध में दर्द
बार-बार पेशाब आना
लूज मोशन या उल्टी
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गर्भाशय में सूजन के कारण

अब बच्चेदानी में सूजन रहने के पीछे कई तरह की वजहें हो सकती हैं। बच्चेदानी में सूजन रहने को बल्की यूट्रस भी कहते हैं। बल्की यूट्रस को गर्भाश्य का भारी होना भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है। यह सूजन विभिन्न कारणों से हो सकती है, जैसे संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन, फाइब्रॉइड, या एंडोमेट्रियोसिस. इसके लक्षणों में पेट में दर्द, अनियमित मासिक धर्म, अत्यधिक ब्लीडिंग और बार-बार पेशाब आना शामिल हैं, चलिए कुछ बड़े कारण आपको बताते हैं।  

1. आयु और हार्मोनल बदलाव

50-55 साल की उम्र में मेनोपॉज के दौरान
गर्भावस्था के समय या बाद में
PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) होने पर

2. पाचन संबंधी कारण

जिन महिलाओं को लगातार पाचन संबंधी दिक्कतें रहती हैं जैसे कब्ज और लगातार एसिडिटी रहना, उन्हें भी गर्भाश्य में सूजन रह सकती है। 

3. लाइफस्टाइल में बदलाव

लंबे समय तक बैठकर काम करना (एक्टिविटी की कमी)
बहुत टाइट कपड़े पहनना, खासकर टाइट जींस
अधिक या भारी व्यायाम

4. दवाइयों और खानपान से जुड़े कारण

पेनकिलर और एंटीबायोटिक का बार-बार उपयोग करने से।
भूख से अधिक खाना या बहुत तैलीय, मसालेदार भोजन खाने से।
इसके अलावा पानी कम पीना, इंटरकोर्स के दौरान साफ-सफाई ना रखना, प्राइवेट एरिया में संक्रमण होना। 
प्रसव के बाद सफाई में लापरवाही।
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5. हार्मोनल असंतुलन

अगर शरीर में हार्मोन के स्तर में गड़बड़ी चल रही है, विशेष एस्ट्रोजन के उतार-चढ़ाव में बच्चेदानी में सूजन आ सकती हैं। 

6. फाइब्राइड

गर्भाशय में गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर (फाइब्रॉएड-सिस्ट) होने से भी सूजन हो सकती है।

7. अन्य शारीरिक कारण:

मोटापा, शराब का अधिक सेवन, धूम्रपान और असंतुलित आहार भी सूजन का कारण बन सकते हैं। बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण, विशेष रूप से यौन संचारित संक्रमण, बच्चेदानी में सूजन का कारण बन सकते हैं।

बच्चेदानी (गर्भाश्य) की सूजन ठीक करने के घरेलू उपाय

अगर सूजन हल्की और अभी सिर्फ शुरुआत ही है तो आप कुछ घरेलू उपाय फॉलो कर सकते हैं लेकिन अगर दर्द गंभीर है, बुखार हो रहा है या फिर बार-बार संक्रमण हो रहा है तो बिना देरी किए स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। घरेलू उपाय जो किए जा सकते हैं। 
नीम का काढ़ाः नीम की पत्तियां में सोंठ उबालकर दिन में 1 बार पिएं।
सोया मिल्क और शहदः 2-3 चम्मच सोया मिल्क में 1 चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
हल्दी वाला दूधः सुबह-शाम 1 गिलास।
मुलेठीः ¼ चम्मच पाउडर गुनगुने पानी में।
अलसी के बीजः 1 चम्मच अलसी का पाउडर दूध में उबालकर रात में पिएं।
बादाम का दूधः रात को बादाम भिगोकर सुबह दूध के साथ लें।

खानपान और जीवनशैली से जुड़े टिप्स 

हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी फल और पर्याप्त प्रोटीन लें।
मसालेदार, तैलीय और जंक फूड से परहेज।
पर्याप्त पानी पिएं (सर्दियों में गुनगुना)।
योग और हल्की वॉक करें, लेकिन ओवर-एक्सरसाइज न करें।
आरामदायक कपड़े पहनें।
सुरक्षित यौन संबंध बनाएं।
सालाना गाइनिक चेकअप और पेल्विक अल्ट्रासाउंड करवाएं।


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Content Writer

Vandana

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