मां लक्ष्मी के इस मंदिर में दर्शन किए बिना अधूरी मानी जाती है तिरुपति बालाजी की पूजा

punjabkesari.in Friday, Oct 24, 2025 - 06:46 PM (IST)

नारी डेस्क : तिरुपति बालाजी के बारे में कौन नहीं जानता। देश-विदेश से लाखों भक्त यहां भगवान की एक झलक पाने और मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रीपद्मावती देवी मंदिर के दर्शन और पूजा के बिना तिरुपति बालाजी की पूजा अधूरी मानी जाती है? आइए जानते हैं इस पौराणिक मान्यता और मंदिर के महत्व के बारे में।

मां लक्ष्मी का अवतार: श्रीपद्मावती देवी

देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है। उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि आती है। आंध्र प्रदेश के तिरुपति के पास तिरुचुनूर नामक छोटे से गांव में स्थित श्रीपद्मावती देवी मंदिर इसी देवी को समर्पित है।माना जाता है कि श्रीपद्मावती देवी का जन्म पद्म सरोवर नामक पवित्र झील से हुआ था। यह स्थान अब मंदिर के रूप में स्थापित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, विष्णु भगवान, जिन्हें तिरुपति बालाजी के रूप में पूजा जाता है, ने श्रीपद्मावती देवी से विवाह किया था। आज भी यहां भव्य रीति-रिवाज के साथ उनके विवाह का उत्सव मनाया जाता है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है।

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तिरुपति बालाजी के दर्शन के बाद जाएं श्रीपद्मावती देवी मंदिर

श्रीपद्मावती देवी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं। तिरुपति बालाजी के मंदिर की तरह ही, श्रीपद्मावती देवी मंदिर भी सालभर भक्तों से भरा रहता है। मान्यता है कि अगर कोई भक्त तिरुपति बालाजी के मंदिर में मुराद मांगता है, तो उसे श्रीपद्मावती देवी का आशीर्वाद भी लेना जरूरी होता है। इसलिए श्रद्धालु दोनों मंदिरों में दर्शन और पूजा के लिए जाते हैं।

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पूजा और यात्रा का महत्व

विशेष अवसरों पर इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन लाखों भक्त आते हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। श्रीपद्मावती देवी मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का केंद्र भी है। मंदिर तिरुपति से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर तिरुचुनूर में स्थित है और यहां की धार्मिक मान्यताएं एवं सांस्कृतिक परंपराएं आज भी जीवित हैं। भक्तों का विश्वास है कि इस मंदिर में पूजा और दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में समृद्धि आती है।

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तिरुपति बालाजी की पूजा श्रद्धालुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन श्रीपद्मावती देवी मंदिर में दर्शन और पूजा के बिना यह पूजा अधूरी मानी जाती है। दोनों मंदिरों की यात्रा और पूजा से भक्तों का विश्वास है कि उन्हें धन, वैभव और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।


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Monika

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