ब्रेन ट्यूमर से आपको बचाए रखेंगे ये 8 टिप्स, हैल्दी रखें अपना लाइफस्टाइल

punjabkesari.in Monday, Jun 08, 2020 - 11:14 AM (IST)

ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय रहते इलाज ना करने पर व्यक्ति की जान सकती है। ब्रेन ट्यूमर के असली कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है इसलिए इसके लक्षण दिखते ही तुरंत बचाव के उपाय किए जाने चाहिए। चलिए आज आज हम आपको बताते हैं कि आप किस तरह इस बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं।

क्यों होता है ट्यूमर?

ब्रेन ट्यूमर तब विकसित होता है जब सामान्य कोशिकाओं के डीएनए में गड़बड़ी हो जाती है। म्यूटेशन के कारण कोशिकाएं तेजी से विकसित और विभाजित होती हैं। इनके विकास के कारण आसपास की जीवित कोशिकाएं मरने लगती हैं। इसका परिणाम यह होता है कि असामान्य कोशिकाओं का एक पिंड बन जाता है, जो ट्यूमर का निर्माण करता है।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

बार-बार तेज सिरदर्द या उल्टी होना
स्वभाव में चिड़चिड़ापन
यादाश्त कमजोर होनी
चक्कर और शारीरिक थकान
मुंह में अकड़न आना
सुनने में समस्या होना
दौरे पड़ना या पैरालिसिस जैसा महसूस होना

ब्रेन ट्यूमर से बचाव
विटामिन सी युक्त आहार

ब्रेन ट्यूमर होने पर अपनी डाइट में अधिक से अधिक विटामिन सी वाले आहार शामिल करें। विटामिन सी दिमाग में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है इसलिए मरीजों को इसे अपनी डाइट में अधिक लेना चाहिए।

लें भरपूर नींद

ज्यादा देर जागना या सही नींद ना लेना भी इस बीमारी को जन्म देता है। दरअसल, इससे नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है, जिससे दिमाग में कैंसर कोशिकाओं को पैदा करता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप रोजाना 8-9 घंटे की भरपूर नींद लें।

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जंकफूड्स से दूरी

डिब्बाबंद, प्रोसेस्ड और जंकफूड्स से भी दूर बनाएं। इससे सिर्फ ट्यूमर ही नहीं बल्कि अन्य तरह के कैंसर का खतरा भी बढ़ता है।

ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं

दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, ताकि मस्तिष्क ठीक से काम करें।

ना खाएं कैमिकल युक्त खाना

ब्रेन ट्यूमर से पूरी तरह से किस तरह बचा जा सकता है इस बारे में सही जानकारी नहीं है, फिर भी केमिकल युक्त और मिलावटी खाने से बचने की कोशिश करें।

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पोषक तत्वों से भरपूर डाइट

डाइट में विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ें शामिल कर। विटामिन-सी, विटामिन-के और विटामिन-ई से भरपूर चीजें जरूर खाएं।

शुगरी ड्रिंक्स से परहेज

अधिक वसा युक्त भोजन का सेवन ना करें और शुगरी ड्रिंक्स से बचिए। पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ अपने भोजन में शामिल करें। रेड मीट और अल्कोहल का सेवन न करें।  योग और ध्यान करें।

मोबाइल फोन का कम इस्तेमाल

रेडियोफ्रीक्वेंसी एनर्जी के खतरों से बचने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल अधिक देर तक न करें। हैंड फ्री का इस्तेमाल करें ताकि सिर और मोबाइल के बीच दूरी अधिक हो।

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Content Writer

Anjali Rajput

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