मांस टूटकर खून में घुल गया काटने पड़े ग्लव्स... जानें तिलक वर्मा को थी कैसी बीमारी?
punjabkesari.in Saturday, Oct 25, 2025 - 04:18 PM (IST)
नारी डेस्क : एशिया कप 2025 में भारत को जीत दिलाने वाले युवा क्रिकेटर तिलक वर्मा ने हाल ही में अपने जीवन से जुड़ा एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि साल 2022 में उन्हें ‘रैब्डोमायलोसिस (Rhabdomyolysis)’ नाम की गंभीर बीमारी हो गई थी। जिसमें शरीर की मांसपेशियां टूटकर खून में घुलने लगती हैं, और समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा साबित हो सकती है।
ओवरट्रेनिंग से बिगड़ी तिलक की सेहत
आईपीएल (IPL) में शानदार प्रदर्शन के बाद तिलक ने खुद को और फिट बनाने का ठान लिया। उन्होंने लगातार जिम, ट्रेनिंग और प्रैक्टिस जारी रखी। यहां तक कि आराम के दिन भी उन्होंने खुद को ब्रेक नहीं दिया।
तिलक ने बताया — “मैं सबसे फिट खिलाड़ी बनना चाहता था। लेकिन रिकवरी पर ध्यान न देने की वजह से मेरी मांसपेशियों पर बहुत दबाव पड़ गया। धीरे-धीरे नसें सख्त होने लगीं और शरीर जवाब देने लगा।”

बांग्लादेश में हुआ डरावना हादसा
भारत-A सीरीज के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ मैच में तिलक ने खुद को इतना ज़्यादा पुश किया कि अचानक उनका शरीर काम करना बंद कर गया। उनकी आंखों से अपने आप पानी आने लगा, उंगलियां सख्त हो गईं और पूरा शरीर पत्थर जैसा अकड़ गया।
तिलक ने बताया — मेरी हालत इतनी खराब हो गई थी कि मैं ग्लव्स भी नहीं उतार पा रहा था। अंत में स्टाफ को ग्लव्स काटकर निकालने पड़े। उस पल मैं बेहद डर गया था।
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आकाश अंबानी और जय शाह की मदद से बची जान
जब मुंबई इंडियंस के मालिक आकाश अंबानी को तिलक की हालत का पता चला, तो उन्होंने तुरंत बीसीसीआई सचिव जय शाह से संपर्क किया। तिलक को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया अगर कुछ घंटे की भी देरी होती, तो नतीजा बहुत गंभीर हो सकता था। इस कठिन समय में उनकी मां लगातार उनके साथ रहीं और मानसिक रूप से उन्हें संभाला।
क्या है रैब्डोमायलोसिस (Rhabdomyolysis)?
रैब्डोमायलोसिस एक गंभीर मांसपेशीय विकार (muscle breakdown disorder) है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां तेज़ी से टूटने लगती हैं। इससे निकलने वाले हानिकारक रासायनिक तत्व (toxins) खून में मिल जाते हैं, जो किडनी और दिल पर बुरा असर डालते हैं। यह बीमारी अक्सर अत्यधिक एक्सरसाइज, ओवरट्रेनिंग, चोट या डिहाइड्रेशन की वजह से होती है।

लक्षण जो खतरे का संकेत हैं
रैब्डोमायलोसिस के शुरुआती लक्षणों में मांसपेशियों में तेज दर्द, सूजन और शरीर में भारीपन या कमजोरी महसूस होना शामिल है। इसके साथ ही पेशाब का रंग गहरा या चाय जैसा दिखाई देने लगता है, और कई बार पेशाब बहुत कम या बिल्कुल नहीं आता। रोगी को लगातार चक्कर, थकान, उल्टी या सिरदर्द जैसी समस्याएं भी घेरने लगती हैं। अगर इन लक्षणों को समय पर न पहचाना जाए और इलाज में देरी हो जाए, तो यह स्थिति किडनी फेलियर, शरीर में नमक-खनिजों के असंतुलन और दिल की धड़कन गड़बड़ाने जैसी गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है।

