ठंड बढ़ते ही छोटे बच्चों में बढ़ रहे निमोनिया के केस, जानें कैसे रखें उनका ख्याल
punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 12:12 PM (IST)
नारी डेस्क : सर्दियों के मौसम में शरीर की देखभाल करना बेहद जरूरी है, खासकर बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए। इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, इसलिए उन्हें ठंड ज्यादा लगती है और वे आसानी से बीमार पड़ जाते हैं। सर्दियों की शुरुआत होते ही छोटे बच्चों में सर्दी-खांसी, जुकाम और विशेष रूप से निमोनिया के मामले बढ़ने लगते हैं। डॉक्टरों के अनुसार ठंडी और सूखी हवा बच्चों के फेफड़ों पर तुरंत असर डालती है, जिससे सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इस मौसम में बच्चों की सुरक्षा और सही देखभाल पर विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी है।
उत्तराखंड में बढ़ी चिंता: बच्चों में निमोनिया के केस अलर्ट लेवल पर
उत्तराखंड के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड के साथ हवा में नमी कम होने से छोटे बच्चों की सेहत पर खतरा बढ़ गया है। देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में रोजाना कई बच्चे निमोनिया के लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि मौसम बदलने के साथ यह संक्रमण और तेज हो सकता है।

कैसे पहचानें निमोनिया के लक्षण?
डॉक्टरों के अनुसार, सामान्य सर्दी-खांसी अक्सर ठीक हो जाती है, लेकिन समय पर इलाज न मिले तो यही संक्रमण निमोनिया में बदल जाता है। बच्चों में दिखाई देने वाले प्रमुख लक्षण।
तेज बुखार, सीने में दर्द और जकड़न होना।
छाती का धंसना और सांस लेने में तकलीफ़ या तेज सांस होना।
सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द होना।
मितली, उल्टी और दस्त।
सीने से गड़गड़ाहट की आवाज आना।
अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
यें भी पढ़ें: सुबह उठते ही इन पवित्र पेड़-पौधों के करें दर्शन, दुख-दरिद्रता होगी दूर
कैसे रखें बच्चों का ध्यान? ये उपाय अपनाएं
बच्चों को ठंड से बचाएं
अक्सर माता-पिता यह मान लेते हैं कि घर के अंदर होने पर बच्चे हल्के कपड़ों में रह सकते हैं, जबकि यह बड़ी गलती है। सर्दियों में बच्चों का शरीर तापमान जल्दी गिरता है, जिससे वे तुरंत ठंड पकड़ लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चे को मल्टी-लेयर गर्म कपड़े पहनाए जाएं और उसके हाथ-पैर हमेशा ढके रहें, ताकि शरीर की गर्माहट बनी रहे और सर्दी-related बीमारियों का खतरा कम हो।

कमरे में हीटर चलाते समय नमी बनाए रखें
हीटर चलने पर कमरे की हवा सूख जाती है, जिससे बच्चे की नाक, गला और स्किन पर ड्राइनेस बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चों को संक्रमण का खतरा भी ज्यादा होता है। इसलिए हीटर का इस्तेमाल करते समय कमरे में नमी बनाए रखना जरूरी है। इसके लिए आप ह्यूमिडिफायर का उपयोग कर सकते हैं या फिर कमरे में पानी से भरा एक बर्तन रखकर भी हवा में पर्याप्त नमी बनाए रखी जा सकती है।
बच्चे को जरूरी टीके लगवाएं
बच्चों को न्यूमोकोकल और फ्लू वैक्सीन समय पर लगवाना बेहद जरूरी है, क्योंकि ये वैक्सीन उन्हें गंभीर श्वसन संक्रमणों से मजबूत सुरक्षा प्रदान करते हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि अभिभावक वैक्सीन शेड्यूल में देरी न करें और नियमित टीकाकरण समय पर करवाकर बच्चे की इम्यूनिटी को सुरक्षित रखें।
यें भी पढ़ें : Bigg Boss 19 Finale: कब है ग्रैंड फिनाले और कौन होंगे फाइनलिस्ट? जानें पूरी अपडेट
बच्चे को धूप जरूर दिखाएं
सर्दियों में रोजाना 10–15 मिनट हल्की धूप बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है। धूप से शरीर में विटामिन D का निर्माण होता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। साथ ही नियमित धूप फेफड़ों की क्षमता को बेहतर करती है और बच्चों को मौसमी संक्रमणों से बचाने में मदद करती है।
फीडिंग में बरतें खास सावधानी
डॉक्टरों के अनुसार दूध की बोतल बच्चों में निमोनिया या अन्य संक्रमण फैलने का सबसे बड़ा कारण बन सकती है।
बोतल अगर ठीक से साफ न हो, तो बैक्टीरिया पनपते हैं।
दूध बोतल में ज्यादा देर स्टोर रखने पर ठंडा हो जाता है, जो बलगम बनाता है।
गंदा निप्पल संक्रमण सीधे बच्चे के पेट और फेफड़ों तक पहुंचा देता है।

फीडिंग कराते समय ध्यान करें
हमेशा बोतल को उबालकर या स्टरलाइज़ करके ही इस्तेमाल करें।
दूध हल्का गर्म करके दें।
चाहें तो उसमें चुटकीभर हल्दी मिला सकते हैं।
कोशिश करें कि बच्चा मां का दूध पिए, क्योंकि यह सबसे पौष्टिक और इम्यूनिटी बढ़ाने वाला होता है।
सर्दियों में बच्चों को निमोनिया से बचाना आसान है, बस थोड़ी सावधानी जरूरी है। उन्हें गर्म रखें, कमरे की नमी नियंत्रित करें, धूप दिखाएं, साफ फीडिंग प्रैक्टिस अपनाएं और टीकाकरण समय पर कराएं। किसी भी असामान्य लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लेना ही सबसे सुरक्षित कदम है।

