प्रेगनेंसी में ही तेजी से फैल रहा थायराइड, डाइट में ये चीजें खानी जरूरी

punjabkesari.in Thursday, Oct 27, 2022 - 12:46 PM (IST)

थायराइड अब आम सुनने वाली बीमारी बन गई है। आज भारत में 10 में से 1 नागरिक इस  हैल्थ प्रॉब्लम से पीड़ित है। पुरुषों के मुकाबले औरतों में यह रोग ज्यादा देखने को मिलता है। अगर साल 2021 के आंकड़ों की बात करें तो भारत में तकरीबन 4.2 करोड़ लोग थायराइड के मरीज हैं। इस बीमारी के बढ़ने की सबसे बड़ी वजह यही है कि लोगों को इस समस्या के बारे में पूर्ण जानकारी ही नहीं है। महिलाएं खासकर, गर्भवती औऱतों में भी ये समस्या अब तेजी से बढ़ रही है। बच्चे के जन्म के बाद के पहले तीन महीने के बाद महिलाओं में इस बीमारी के 44.3 फीसदी मामलों की बढ़ौतरी हुई है। अगर परिवार में किसी मैंबर को ये समस्या है तो बच्चों को भी ये हैल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। नवजात बच्चे को भी। अगर बच्चे के जन्म के साथ इस बीमारी का पता ना चले तो उन्हें दिमाग संबंधी समस्याएं हो सकती है।

ये बीमारी शुरू कैसे होती है?

एक्सपर्ट के अनुसार, थायराइड गले के बीच तितली के आकार का एक ग्लैंड होता है। इससे ऐसा हार्मोंन्स पैदा होते हैं जो दिल, दिमाग की मांसपेशिय़ों व शरीर के बाकी अंगों को अच्छे तरीके से काम करने में मदद करते हैं। इन्हीं हार्मोंन्स की वजह से शरीर को एनर्जी मिलती है लेकिन जब इस ग्लैंड से हार्मोंन्स ज्यादा या कम बनने लगते हैं तो थायराइड की परेशानी शुरू हो जाती है।
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दो तरह का थायराइड, हाइपर-थायरायडिज्म और हाइपो-थायरायडिज्म

जब शरीर में जरूरत से ज्यादा हार्मोंन्स पैदा हो तो वह हाइपर थायराइड है। इसमें व्यक्ति ज्यादा एक्टिव रहता है। वजन घटना, पानी की कमी, गर्मी ज्यादा लगना, नींद नहीं आती जैसे लक्षण दिखते हैं। वहीं अगर हार्मोंन्स जरूरत से कम पैदा हो तो उसे हाइपो-थायरायडिज्म कहते हैं। इसमें मरीज को जल्दी थकान महसूस होती है, वह इतनी जल्दी थक जाता है कि रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पाता। वजन बढ़ने लगता है, चेहरे पर सूजन, नींद ज्यादा आती है और महिला के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। डॉक्टरों की मानें तो कई बार हाइपो थायराइड को डिप्रेशन भी समझ लिया जाता है। अगर थाइराइड ग्लैंड में सूजन आ जाए तो इसे गोइटर कहते हैं। दवाइयों की मदद से ये ठीक हो तो ठीक नहीं तो सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। सही समय पर अगर इलाज शुरू किया जाए तो इलाज संभव है इसके लिए लोग जीवन भर दवाई खाते हैं। इसी के साथ कुछ घरेलू उपाय से भी थायराइड से छुटकारा पा सकते हैं। जैसेः नारियल तेल और दूध- रोजाना सुबह खाली पेट एक ग्लास दूध में एक चम्मच नारियल का तेल मिलाकर पीएं।
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अखरोट और बादाम- सूजन कम करने के लिए बादाम और अखरोट खाएं। इससे हार्मोंन्स लेवल सही रहता है।

नारियल का तेल- खाने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करें।

लौकी का जूस- रोज सुबह खाली पेट एक ग्लास लौकी का जूस पीना चाहिए। यह भी थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करता है।

थायराइड में क्या ना खाएं?

थायराइड की परेशानी में सोयाबीन, सोया फूड, सोया ऑयल का सेवन ना करें। फूलगोभी, ब्रोकली, पालक ना खाएं। कैफीन युक्त चीजों का सेवन कम करेंं। मीठा, ग्लूटेन फूड और प्रोसेस्ड या जंक फूड का सेवन ना करेंं। ये थायराइड मरीज की सेहत पर असर डालता है।
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अगर आपका थायरॉइड कम हो तो क्या खाएं?

कम कैलोरी वाला आहार, हरी पत्तेदार सब्जियां, प्रोटीन युक्त आहार, सूखे मेवे आदि खाएं लेकिन हाई फूड, सोया प्रॉडक्ट्स और मीठी चीजें बिलकुल ना खाएं।

अगर आपका थायराइड बढ़ा हुआ है तो क्या खाएं?

हाई कैलोरी फूड, हाई प्रोटीन, बादाम, अखरोट, पिस्ता, मूंगफली, सफेद तिल, अलसी के बीज, सूरजमुखी और खरबूजे के बीज खाएं और जंक फूड, आयोडीन युक्त चीजें ना खाएं।

थायराइड से किन लोगों को जान का खतरा

हाइपर-थायराइड में हार्मोंन्स जरूरत से ज्यादा पैदा होते हैं जिसका असर दिल पर हो सकता है और दिल से जुड़ी सेहत संबंधी समस्याएं हो सकती है।
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हाइपो-थायराय़ड का पता अगर समय पर लग जाए तो ठीक नहीं तो इसका असर दिमाग पर पड़ सकता है। मरीज के शरीर मे सोडियम का स्तर कम हो सकता है जिससे मरीज कोमा में जा सकता है।

क्या है थायराइड इलाज?

इसके लिए समय पर सही इलाज होना बहुत जरूरी है। ज्यादातर केसेज में 80-90 % इलाज के बाद ठीक हो जाते हैं हालांकि कुछ पूरी तरह से ठीक नहीं भी हो पाते। इलाज के बावजूद उन मरीजों के शरीर के बाकी अंगों में इसका असर पड़ता रहता है लेकिन इसके लिए इलाज जरूरी है ताकि बीमारी को कंट्रोल मेंं रखा जा सके। जीवन भर एक गोली खाने की जरूरत पड़ सकती है।

थायराइड जैसी बीमारी को कंट्रोल रखने के लिए खुद के लाइफस्टाइल को हैल्दी रखें। हैल्दी खाएं और योग व व्यायाम करेंं। समय पर इलाज शुरू करवाएं


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Content Writer

Vandana

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