खुद खुलता और बंद होता है वृंदावन का यह मंदिर, आज तक नहीं पता चला रहस्य

punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2019 - 06:20 PM (IST)

दुनिया की सभी प्रेम कहानियों में सबसे अनोखी है राधा -कृष्ण की प्रेम कहानी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि  यह भौतिकता से परे है दुनिया में ऐसा कोई मंदिर नही है यहां राधा जी की मूर्ति न लगी हो। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो अनोखे और बेहद चमत्कारिक हैं। ऐसा ही एक मंदिर वृंदावन में भगवान श्रीकृष्ण का है।  भगवान श्रीकृष्ण का यह मंदिर इतना चमत्कारिक है जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दरअसल यह अपने आप ही खुलता है और खुद ही बंद हो जाता है।

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मंदिर में शयन के लिए आते हैं भगवान श्री कृष्ण

यहां के पुजारियों का मानना है कि इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण रोजाना शयन के लिए आते हैं। मंदिर में भगवान के शयन के लिए हर दिन  बिस्तर लगाया जाता है। बिस्तर में साफ सुथरे गद्दे और चादर बिछायी जाती है। जब यह मंदिर खुलता है तो बिस्तर में पड़ी सलबटें ये बताती हैं कि यहां कोई सोने के लिए आया था।

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प्रसाद में माखन मिश्री का लगता है खास भोग

कहा जाता है कि हर सुबह मंदिर में  श्रीकृष्ण की पूजा के बाद माखन- मिश्री का भोग लगया जाता है और प्रसाद बांटा जाता है । जो प्रसाद बच जाता है उसे मंदिर मे रख दिया जाता है । पुजारियों का कहना है कि बचा हुआ प्रसाद सुबह तक खत्म हो जाता है। श्री कृष्ण  को माखन बहुत पंसद है इसलिए भगवान श्री कृष्ण मंदिर मेंं आकर माखन मिश्री खाते है।

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शाम को आरती के बाद नहीं कर सकता कोई मंदिर में प्रवेश

वृंदावन मंदिर में श्री कृष्ण और राधा रानी रासलीला करने आते हैं। कहते है कि  इस रासलीला को कोई व्यक्ति नहीं देख सकता अगर कोई ऐसा करता है तो वह पागल हो जाता है और उसकी आंखों की रोशनी चली जाती है। इसलिए मंदिर के पास घरों में खिड़कियां नहीं लगी हैं। इसलिए  शाम की आरती के बाद मंदिर में जाना मना है।

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संत हरिदास ने साक्षात किए थे राधा-कृष्ण के दर्शन

मान्यता अनुसार इस मंदिर को तानसेन के गुरु संत हरिदास ने अपने भजन से राधा−कृष्ण के युग्म रूप को साक्षात प्रकट किया था। यहां कृष्ण और राधा विहार करने आते थे। यहीं पर स्वामी जी की समाधि भी बनी है। इस मंदिर मे राधा-कृष्ण के सोने की  व्यवस्था भी की गयी है।

तुलसी के दौ पौधे हैं राधा की गोपियां

मंदिर परिसर में तुलसी के दो खास पौधे हैं, कहते हैं रात के समय ये पौधे राधा की गोपियां बन जाती हैं और उनके साथ नृत्य करते हैं। इस तुलसी का पत्ता तोड़ने की खास मनाही है ।

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Content Writer

Anjali Rajput

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