खालिस्तानी नारे, हाई सिक्योरिटी.... ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर कुछ ऐसे हैं अमृतसर के हालात
punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 09:12 AM (IST)

नारी डेस्क: ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी पर गुरुवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कई लोगों ने खालिस्तान समर्थक नारे लगाए। शिअद (मान गुट) के नेता सिमरनजीत सिंह मान ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं बरसी और ऑपरेशन के दौरान मारे गए जरनैल सिंह भिंडरावाले की पुण्यतिथि पर स्वर्ण मंदिर पहुंचे तो लोगों ने 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए। गर्म पंथी दल खालसा ने 6 जून को अमृतसर बंद बुलाया है, जिसे देखते हुए पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। पूरे शहर की किले बंदी कर दी गई है।
ऑपरेशन ब्लू स्टार 1 जून से 10 जून, 1984 तक चला 10 दिवसीय सैन्य अभियान था। शुक्रवार को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सिख समुदाय द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41वीं वर्षगांठ मनाई गई। इस अवसर पर स्वर्ण मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस अवसर पर अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने कहा, "...सरकार के पास आज तक इस बात का जवाब नहीं है कि सिखों के ऐसे पवित्र स्थान पर हमला क्यों किया गया। सिख अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे। उन्होंने भारत सरकार के खिलाफ हमले की घोषणा नहीं की थी। फिर बिना किसी नोटिस या चेतावनी के हम पर हमला किया गया, जैसे दुश्मन देशों पर हमला किया जाता है...सात समंदर पार से लोग आज जश्न मना रहे हैं। लोग देश भर में उन लोगों को श्रद्धांजलि देने आए हैं, जिन्होंने हमारे धर्म की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी..." खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों पर उन्होंने कहा- "ये नारे हमेशा से यहां और दुनिया भर में लगाए जाते रहे हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं है।"
6 जून 1984, वह दिन था जब पंजाब में जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में सिख उग्रवाद को रोकने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर भारतीय सेना ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत स्वर्ण मंदिर में धावा बोला था। बताया गया कि भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर परिसर में भारी मात्रा में हथियार छिपा रखे थे। भिंडरावाले कट्टरपंथी सिख संगठन दमदमी टकसाल का प्रमुख था। वह अपने हथियारबंद अनुयायियों के साथ जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारा गया था।
ऑपरेशन की कड़ी आलोचना की गई थी। महीनों बाद, 31 अक्टूबर, 1984 को इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों ने उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर हत्या कर दी थी। बेअंत सिंह और सतवंत सिंह इंदिरा गांधी के अंगरक्षक थे और उन्होंने 31 अक्टूबर, 1984 को उनके आवास पर उनकी हत्या कर दी थी। पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में बेअंत सिंह (इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों में से एक) के बेटे सरबजीत सिंह खालसा ने फरीदकोट निर्वाचन क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के नेता करमजीत सिंह अनमोल पर 70,053 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।