बिना ट्यूशन के भी टॉपर बनेगा बच्चा, इन सीक्रेट टिप्स से घर पर ही कराएं पढ़ाई
punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2024 - 12:23 PM (IST)
नारी डेस्क: आजकल बिजी लाइफ के चलते मां- बाप के पास बच्चों को पढ़ाने का वक्त ही नहीं है ऐसे में वह कोचिंग-ट्यूशन के सहारे बच्चों को छोड़ देते हैं। हालांकि कई बार बच्चे ट्यूशन जाने से कतराते हैं, ऐसे में सही तरीके और थोड़ी सी प्लानिंग से आप घर पर ह उन्हें अच्छी शिक्षा दे सकते हैं। बच्चों को बिना ट्यूशन के घर पर पढ़ाना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन मजेदार और प्रभावी अनुभव हो सकता है। चलिए जानते हैं आप कैसे कर सकते हैं बच्चों की मदद
Time Table बनाएं
बच्चों की पढ़ाई को नियमित करने के लिए एक Time Table बनाएं। इसमें हर विषय के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें ताकि बच्चा यह जान सके कि उसे कब क्या पढ़ना है। Time Tableमें पढ़ाई के साथ-साथ ब्रेक और खेलकूद का भी समय रखें।लगातार पढ़ाई से बच्चों का मन विचलित हो सकता है। इसलिए पढ़ाई के बीच-बीच में छोटे-छोटे ब्रेक दें। इससे उनकी एकाग्रता बनी रहेगी और वे ज्यादा कुशलता से पढ़ाई कर पाएंगे।
खेल-खेल में पढ़ाई
बच्चों को पढ़ाई मजेदार लगे, इसके लिए उन्हें खेल-खेल में सिखाएं। उदाहरण के तौर पर, आप गणित के सवाल खेल के माध्यम से हल करा सकते हैं या साइंस के प्रयोग करके उन्हें सिखा सकते हैं। इससे बच्चे का पढ़ाई में रुचि बनी रहेगी। बच्चों को पढ़ाते समय किताबों के साथ-साथ वीडियो, ऑडियो, और चित्रों का भी उपयोग करें। यूट्यूब, शैक्षिक ऐप्स, और इंटरैक्टिव वेबसाइट्स का सहारा लेकर पढ़ाई को रोचक और प्रभावी बनाएं। इससे कठिन विषय भी आसानी से समझ में आ जाते हैं।
साप्ताहिक टेस्ट लें
जो भी बच्चा दिनभर में पढ़े, उसका रोज़ाना रिवीजन जरूर कराएं। इससे वह दिनभर में जो सीखा है, उसे याद रखेगा और समय के साथ उसे बेहतर तरीके से समझ पाएगा। बच्चों के लिए साप्ताहिक टेस्ट आयोजित करें ताकि वे अपनी प्रगति को माप सकें और कमजोर विषयों को पहचान सकें। इससे वे परीक्षा का भी अभ्यास कर पाएंगे और अपने ज्ञान को सुधार सकेंगे।
प्रशंसा और प्रोत्साहन
बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने के लिए उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की भी तारीफ करें। प्रोत्साहन से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित होते हैं।
रूटीन में बदलाव करें
हर रोज़ एक ही तरह की पढ़ाई से बच्चे बोर हो सकते हैं। इसलिए, कुछ दिन बाहरी गतिविधियों के माध्यम से सिखाएं, जैसे कि नेचर वॉक के दौरान साइंस के विषय समझाएं या मार्केट विजिट के दौरान गणित सिखाएं। इससे बच्चे का ध्यान भी बना रहेगा और नई चीज़ें सीखने में मजा आएगा।
समझने पर जोर दें, रटने पर नहीं
बच्चों को रटने के बजाय समझने पर जोर दें। कोई भी विषय पढ़ाते समय यह सुनिश्चित करें कि बच्चे को Concepts समझ में आ रहा हैं। जब बच्चा किसी चीज़ को समझ लेगा, तो उसे याद रखने में भी आसानी होगी। सभी बच्चे एक ही तरीके से नहीं सीखते, इसलिए अलग-अलग तरीकों का प्रयोग करें। कुछ बच्चों को पढ़ाई लिखकर समझ में आती है, कुछ को बोलकर, और कुछ को चित्र देखकर। अपने बच्चे की सीखने की शैली को समझें और उसी अनुसार पढ़ाई करवाएं।
Self-Study की आदत डालें
बच्चों को Self-Study की आदत डालें। इससे वे खुद से सोचने और समस्याओं का समाधान निकालने में सक्षम होंगे। आप उनके सामने समस्याएं रख सकते हैं और उन्हें खुद से हल करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।