भगवान विष्णु की दुल्हन बनी "मीराबाई", 300 बारातियों के सामने गाजे- बाजे के साथ रचाया ब्याह

punjabkesari.in Friday, Dec 16, 2022 - 06:01 PM (IST)

कृष्ण के प्रति मीरा के प्रेम से हर कोई वाकिफ है। मीराबाई के मन में कृष्ण की ऐसी छवि बसी थी कि मृत्यु तक उन्होंने कृष्ण को ही अपना सब कुछ माना, तभी तो उनकी भक्ति और प्रेम को मिसाल माना जाता है। मीराबाई ने भक्ति को  एक ऐसा स्थान दिया था जहां भगवान ही इंसान का सब कुछ होता है। कलयुग में भी कुछ ऐसा ही देखने काे मिला। यहां एक लड़की ने विष्णुजी को अपना सब कुछ मानकर उनसे ब्याह रचा लिया।

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जी हां, हम कोई फिल्म या नाटक की कहानी नहीं सुना रहे है बल्कि सच्ची घटना बता रहे हैं। ये अजीबोगरीब मामला देखने को मिला जयपुर की गोविंदगढ़ के पास नरसिंहपुरा गांव में, जहां पॉलिटिकल साइंस में एमए कर चुकी पूजा सिंह ने विष्णु भगवान  ब्याह रचाकर सभी को हैरान कर दिया। इस ब्याह में गणेश पूजन से लेकर चाकभात, मेहंदी, महिला संगीत और फेरों की रस्म भी हुई।

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पूजा के घर में मंगल गीत भी गाए गए और सहेलियों ने दुल्हन की तरह उसका सोलह- श्रृंगार भी किया। इतना ही नहीं बारात सीताराम जी मंदिर से पूजा सिंह के घर तक आई, 311 बारातियों के साथ आई बारात में धूमधाम से विष्णुजी का स्वागत हुआ। इस दौरान भगवान का श्रृंगार  देखने लायक था। शादी में परंपरानुसार दुल्हन की मांग दूल्हा सिंदूर से भरता है, लेकिन यहां पूजा ने अपनी मांग सिंदूर की बजाय चंदन से भरी और इसके बाद विदाई की रस्म अदा हुई। 

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पंडित ने मंत्रोचारण के साथ विवाह प्रक्रिया को संपन्न करवाया। इस दौरान दुल्हन बनी पूजा सिंह की मां रतन कंवर ने अपनी बेटी का कन्यादान किया और विदाई की रस्म भी निभाई गई। हालांकि दुल्हन के पिता इस शादी के खिलाफ थे मां ने अपनी बेटी का पूरा साथ दिया। पूजा ने अपनी मां से कहा था कि अगर वे शादी करेंगी तो सिर्फ भगवान विष्णु की प्रतिमा से ही करेंगी।  पूजा ने बताया कि उन्होंने भगवान विष्णुजी को ही अपना पति बना लिया है, अब उनके नाम का ही श्रृंगार करेंगी। 

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शादी की रस्में बिल्कुल रीती-रिवाजो से निभाई गई, जिसमें करीब 2 लाख रूपये का खर्च भी आया। अब युवती ने शादी के बाद एक पोस्ट शेयर कर बताया- उसने भगवान विष्णु से शादी मंगल दोष निवारण के लिए किया था। उन्होंने लिखा- “कृपया करके मीरा से मेरी तुलना न करें। शादी जरूर हुई हैं। पूरी रीति रिवाज से मैंने शादी की हैं, जो मंगल दोष के निवारण के लिए हैं। जो मीडिया वालों ने नही बताया हैं। अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो मैं माफी मांगती हूं। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। शादी से पहले पंडित जी ने बोला कि आपको विष्णु विवाह रीति रिवाज व मान सम्मान से करना होगा। तो सिर्फ मैंने पूरा सम्मान से किया हैं और मेरा दोष हट जाए इसलिए ये शादी हुई थी। 

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पूजा ने आगे कहा- यह भी सच हैं कि मुझे बचपन से शादी नही करनी थी। लेकिन मीडिया ने मेरी तुलना मीरा से कर दी जिसके लिए मैं योग्य नही हूं। मैं इंसान हूं मुझे इंसान ही रहने दो। यह अनोखा विवाह कराने वाले पंडित ने बताया कि- भगवान विष्णु शालीग्राम जी से कन्या का विवाह शास्त्रोक्त है। जिस तरह से वृंदा तुलसी ने विष्णु भगवान का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए ठाकुरजी से विवाह किया है, यह ठीक वैसे ही है, पहले भी ऐसे विवाह होते आए हैं। 
 


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Content Writer

vasudha

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