Winter Diseases: सर्दियों में सांस से जुड़ी ये बीमारियां रोक न दे जिंदगी ! अभी से हो जाएं Alert

punjabkesari.in Friday, Nov 11, 2022 - 11:08 AM (IST)

जैसे-जैसे दिन छोटे होते जा रहे हैं, मौसम ठंडा होता जा रहा है, स्वास्थ्य अधिकारियों ने सर्दियों के महीनों में संक्रामक श्वसन रोगों के बढ़ने की चेतावनी दी है। इन्फ्लूएंजा और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) जैसी मौसमी बीमारियों का प्रकोप पहले से ही देखने को मिल रहा है।   सर्दियों में होने वाले ये वायरल एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैल सकती हैं इसीलिए, कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। अगर आपके एक महीने में दो से अधिक बार जुकाम हो रहा है तो यह  मौसम बदलने के कारण नहीं, बल्कि ये गंभीर बीमारी का कारण हो सकता है। चलिए आज जानते हैं  कुछ हेल्थ-प्रॉब्लम्स के बारे में जो भारत में सर्दियों में हैं बहुत कॉमन है। 

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इन्फ्लुएंजा

सबसे पहले जानते हैं मौसमी इन्फ्लूएंजा के बारे में, जो चार प्रकार के वायरस के कारण होने वाला श्वसन संक्रमण है। इनमें से दो (ए और बी) आम हैं और यह गंभीर बीमारी अस्पताल में भर्ती और मृत्यु का कारण बन सकती है। इन्फ्लुएंजा वायरस हमारे शरीर में नाक,आंख और मुंह द्वारा प्रवेश करता है। साथ ही ये एक से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या उसके संपर्क में रहने से फैल जाता है। फ्लू का मौसम आमतौर पर नवंबर में शुरू होता है, जिसके मामले दिसंबर से मार्च तक चरम पर होते हैं। कई बार, प्रकोप विशेष रूप से गंभीर होते हैं। 


इन्फ्लुएंजा के लक्षण 


थकान महसूस करना।
-गले में कफ का जमाव।
-कुछ भी निगलने में दिक्कत।
-चक्कर आना। 
-सांस फूलना। 
-त्वचा नीली पड़ना। 
-मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द होना। 

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 आरएसवी

रेस्पिरेटरी सिनसिटियल वायरस एक सामान्य सर्दी का वायरस है जो आमतौर पर हल्की खांसी और सर्दी का कारण बनता है, लेकिन कभी-कभी ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसे गंभीर संक्रमण का कारण बनता है, खासकर छोटे बच्चों में। इसकी वजह से फेफड़ों और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट से जुड़े इंफेक्शन भी हो सकते हैं। दो साल तक के शिशुओं का इस समस्या से पीड़ित होना बेहद सामान्य है। इसके ज्यादातर मामले शुरुआती सर्दियों में होते हैं। 


आरएसवी  के लक्षण

-खांसी, बुखार और जुकाम 
-गले में दर्द और खराश
-घबराहट और सांस लेने में परेशानी
-सिरदर्द
-स्किन के रंग में बदलाव

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साइनस

साइनस इंफेक्शन नाक से जुड़ी एक ऐसी परेशानी है जो एलर्जी, बैक्टीरियल इंफेक्शन या कोल्ड की वजह से हो जाती है। कहा जाता है इस रोग में नाक के अन्दर की हड्डी बढ़ जाती है या तिरछी हो जाती है जिसके कारण श्वास लेने में रुकावट आती है। जब भी ठण्डी हवा या धूल, धुआं उस हड्डी पर टकराता है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है। 

साइनस के लक्षण 

बलगम जमना
 सिर में दर्द
 सांस लेने में तकलीफ
चेहरे पर सूजन 

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आम सर्दी के वायरस

सामान्य सर्दी विभिन्न प्रकार के रोगजनकों के कारण होती है, जिनमें राइनोवायरस, एंटरोवायरस और अन्य कोरोनावायरस शामिल हैं। फ्लू की तरह, अधिक हल्के कोरोनावायरस की शुरुआत आमतौर पर नवंबर में होती है, जनवरी और मार्च के बीच चरम पर होती है। राइनोवायरस और एंटरोवायरस सर्दियों के बजाय शरद ऋतु में चरम पर होते हैं। 2021-22 राइनोवायरस का मौसम पूर्व-महामारी के रुझानों के समान था, लेकिन हम इस वर्ष अब तक अधिक संख्या देख रहे हैं। संक्रमण आमतौर पर हल्का होता है, और ज्यादातर लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं लेकिन कमजोर लोगों में गंभीर मामले अस्पतालों पर दबाव बढ़ा सकते हैं।  


अपनी रक्षा कैसे करें

श्वसन वायरस के प्रसार को कम करने के लिए वेंटिलेशन, मास्क पहनने और हाथ धोने जैसे उपायों को जारी रख सकते हैं। हम अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत कर सकते हैं, उदाहरण के लिए उचित पोषण और व्यायाम के साथ। यद्यपि हमारे पास आरएसवी या सामान्य सर्दी के वायरस के लिए टीके उपलब्ध नहीं हैं, इस सर्दी में गंभीर बीमारी को रोकने के लिए कोविड और फ्लू के टीके एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं। 


इन बातों का रखें ध्यान

ठंड और प्रदूषण से अपना बचाव करें।

बार-बार अपनी आंखों, चेहरे, मुंह और नाक को छूने से बचें।

धूम्रपान और शराब को छोड़ दें।

संक्रमित लोगों से दूर रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। 

रोजाना कम से कम आधा घंटा व्यायम करें। 


(एडम क्लेज़कोव्स्की, गणित और सांख्यिकी के प्रोफेसर, स्ट्रेथक्लाइड विश्वविद्यालय)
 


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Content Writer

vasudha

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