Parents Alert! बच्चे की परवरिश में ना करें ये गलतियां, पड़ सकता है पछताना!
punjabkesari.in Tuesday, Dec 15, 2020 - 01:45 PM (IST)
बच्चों का पेरेंट्स से दिल का रिश्ता होता है। ऐसे में वे उनसे दिल व भावात्मक रूप से जुड़े होते हैं। साथ ही मां-बाप ही बच्चों के पहले गुरु व दोस्त होते हैं। ऐसे में वे उन्हें जिंदगी को बेहतर बनाने की सीख देते हैं। मगर कई बार पेरेंट्स की कुछ आदतों का बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बच्चे पर गलत असर पड़ने के साथ उसे जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं बच्चों की परवरिश में किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए...
हर बात पर रोक-टोक करना
बच्चोें को लेकर हद से ज्यादा पजेसिव होना भी उनपर बुरा प्रभाव डालता है। इससे वे अपने मुताबिक जिंदगी जीने की जगह डरे से रहते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चों को हर समय रोक-टोक करते रहते हैं तो अपनी इस आदत को बदल लें।
हद से ज्यादा उम्मीद लगाना
बच्चों के लेकर अक्सर पेरेंट्स के बहुत-से सपने होते हैं। मगर इसके लिए हर चीज को लेकर उम्मीद लगाएं रखना जरूरी नहीं है। ऐसा जरूरी नहीं है कि जो चीज आप चाहते हैं वहीं बच्चे को भी पसंद हो। इसलिए उसपर अपनी उम्मीद थोपने की जगह उसके दिल की बातों को जानने की कोशिश करें। इस बात का पता लगाएं कि आखिर आपके बच्चे की किस काम में दिलचस्पी है। साथ ही उसे उसकी कामयाबी के लिए प्रोत्साहित करें।
दूसरों से तुलना करना
अगर आप भी अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं तो अपनी इस आदत को जल्द बदल लें। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि सामने वाला जिस चीज में माहिर है, उसमें आपका बच्चा भी बेहतर हो। असल में, हर किसी का स्वभाव, पसंद, नापसंद अलग-अलग होती है। ऐसे में आपका यह स्वभाव बच्चे के आत्मविश्वास को कमजोर कर सकता है। इसलिए हमेशा इस चीज पर ध्यान दें कि आपके बच्चे को क्या चीज और क्या करना पसंद है। इसके अलावा उसके भविष्य को बेहतर बनाने के लिए उसका साथ दें।
अधिक सख्ती करना
छोटे बच्चे फूलों की तरह कोमल होते हैं। ऐसे में उन्हें प्यार से रखना ही सही है। ज्यादा सख्त स्वभाव रखने से बच्चों के मन में डर बैठ सकता है। साथ ही बच्चे प्यार की भाषा जल्दी समझते हैं। ऐसे में डांटने या सजा देने की जगह उन्हें प्यार से समझाएं। उन्हें सही व गलत की पहचान करवाते हुए उनका लक्ष्य की ओर ध्यान लगवाएं।
समय न देना
आप चाहे जितना मर्जी बिजी क्यों ना हो मगर समय रोजाना कम से कम 1 घंटा बच्चों के लिए निकालें। इसके अलावा रोजाना डिनर उनके साथ करें। इससे आपसे दिल व भावनाओं से जुड़ेंगे।