बच्चों की आंखों के लिए खतरनाक हैं ये 8 आदतें
punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2025 - 06:24 PM (IST)
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नारी डेस्क: आजकल बच्चों के नजरों की सेहत पर असर डालने वाली कई आदतें आम हो गई हैं। बदलते समय के साथ बच्चों की लाइफस्टाइल में बदलाव आया है, जो उनकी आंखों की सेहत पर असर डाल रहा है। लंबे समय तक मोबाइल, कंप्यूटर, और टीवी की स्क्रीन के सामने बैठना, सही आहार न लेना और नींद की कमी जैसी आदतें बच्चों की आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। लेकिन अगर कुछ सरल कदम उठाए जाएं, तो बच्चों की नज़रों को सुरक्षित रखा जा सकता है और उन्हें चश्मा लगाने से बचाया जा सकता है।आइए जानते हैं वे 8 आदतें, जो बच्चों की आंखों के लिए खतरनाक हो सकती हैं, और साथ ही हम कुछ आसान तरीके भी जानेंगे, जिससे बच्चों की नजरों की सुरक्षा की जा सकती है।़
लंबे समय तक मोबाइल या स्क्रीन का इस्तेमाल
बच्चों की सबसे बड़ी आदत, जो उनकी आंखों के लिए खतरनाक हो सकती है, वह है लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर स्क्रीन देखना। इससे आंखों पर दबाव पड़ता है, जिससे नजर कमजोर हो सकती है। यह 'ब्लू लाइट' की वजह से आंखों की पुतली पर असर डालता है और नजर में समस्या पैदा कर सकता है। क्या करें? बच्चों को स्क्रीन टाइम को सीमित करें। 20-20-20 नियम अपनाएं हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए किसी दूर की चीज को देखें, ताकि आंखों को आराम मिले।
अंधेरे में पढ़ाई या स्क्रीन देखना
अगर बच्चे अंधेरे में पढ़ाई करते हैं या मोबाइल और टीवी स्क्रीन देखते हैं, तो उनकी आंखों पर ज्यादा तनाव पड़ता है। इससे आंखों में जलन, दर्द, और थकान हो सकती है। क्या करें? बच्चों को पर्याप्त रोशनी में पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करें। हमेशा कमरे में हल्की रोशनी रखें जब बच्चे स्क्रीन का इस्तेमाल करें।
खराब आहार
बच्चों का आहार उनकी आंखों की सेहत को प्रभावित करता है। अगर बच्चे सही पोषक तत्वों का सेवन नहीं करते, जैसे कि विटामिन A, C, और ओमेगा-3, तो उनकी आंखों की सेहत पर असर पड़ सकता है। क्या करें? बच्चों को हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, टमाटर, और मछली जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें। फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, जिससे उनकी आंखों की सेहत में सुधार हो।
पर्याप्त नींद न लेना
नींद की कमी से बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है। जब शरीर और आंखें पूरी तरह से आराम नहीं करतीं, तो उनकी नजर कमजोर हो सकती है और उनकी आंखों में सूजन और जलन हो सकती है। क्या करें? बच्चों को रोज 8-10 घंटे की नींद लेने के लिए प्रेरित करें। सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल कम करें, ताकि उनकी नींद पर कोई असर न पड़े।
पानी की कमी
आंखों को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। अगर बच्चों को पर्याप्त पानी नहीं मिलता, तो उनकी आंखों में सूखापन हो सकता है, जिससे नजर कमजोर हो सकती है। क्या करें? बच्चों को नियमित रूप से पानी पीने के लिए कहें। पानी के अलावा, उनके आहार में पानी वाली चीजों जैसे खीरा, तरबूज, और नारियल पानी शामिल करें।
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धूप में बिना चश्मे के बाहर जाना
बच्चे अक्सर बिना धूप का चश्मा पहने बाहर खेलते हैं। सूरज की तेज रोशनी में आंखों में जलन और नजर की समस्या हो सकती है। क्या करें? बच्चों को धूप में बाहर जाते समय हमेशा सनग्लासेस पहनने के लिए कहें। उन्हें धूप में अधिक समय तक न रहने के लिए भी समझाएं।
आंखों की सफाई न करना
बच्चों के आंखों को साफ रखना बहुत जरूरी है। अगर वे अपनी आंखों को बार-बार हाथों से छूते हैं, तो उनकी आंखों में बैक्टीरिया और गंदगी जा सकती है, जिससे संक्रमण हो सकता है। क्या करें? बच्चों को आंखों को हाथों से न छूने की आदत डालें। आंखों को साफ और स्वच्छ रखने के लिए उन्हें आंखों को धोने के लिए कहें।
जरूरत के बावजूद चश्मा न लगाना
अगर डॉक्टर ने बच्चे को चश्मा पहनने की सलाह दी है और वह इसे नजरअंदाज करता है, तो उसकी दृष्टि और खराब हो सकती है। अंधेरे या कम रोशनी में पढ़ने से आंखों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है और सिरदर्द व थकान बढ़ती है।
अगर आप अपने बच्चों को इन आदतों से बचाते हैं और उन्हें आंखों की सुरक्षा के सरल उपाय अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं, तो वे अपनी नजरों को सुरक्षित रख सकते हैं और चश्मे से बच सकते हैं। बच्चों की नजरों का ख्याल रखना बहुत जरूरी है, ताकि वे भविष्य में किसी समस्या का सामना न करें।