आंखों के सामने अचानक अंधेरा छाना, कहीं यें गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं?

punjabkesari.in Sunday, Dec 07, 2025 - 05:49 PM (IST)

नारी डेस्क : जितना अपनी सेहत का ख्याल रखना जरूरी होता है, उतना ही आंखों की देखभाल करना भी बेहद आवश्यक है। कई बार ऐसा होता है कि अचानक आंखों के सामने पूरी तरह अंधेरा छा जाता है, जो किसी के लिए भी डरावना अनुभव हो सकता है। कभी यह समस्या सिर्फ कुछ सेकंड के लिए होती है, तो कभी पलभर के लिए दिखाई देना बिल्कुल बंद हो जाता है। यह स्थिति कभी-कभी मामूली कारणों से जुड़ी हो सकती है, लेकिन कई मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी की शुरुआत का संकेत भी हो सकती है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

आंखों के सामने अंधेरा क्यों आता है?

ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन (Orthostatic Hypotension)

ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन तब होता है जब अचानक बैठी या लेटी अवस्था से खड़े होने पर ब्लड प्रेशर तेजी से गिर जाता है। इसके कारण कुछ पलों के लिए दिमाग तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच पाता, जिससे आंखों के सामने अंधेरा छा जाना, चक्कर आना, शरीर हल्का लगना और कई बार बेहोशी जैसा महसूस हो सकता है। यह स्थिति आमतौर पर बुजुर्गों, डिहाइड्रेशन से ग्रस्त लोगों या ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने वालों में ज्यादा देखी जाती है और सावधानी न बरतने पर गिरने का जोखिम भी बढ़ा सकती है।

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माइग्रेन की ऑरा (Migraine Aura)

माइग्रेन की ऑरा माइग्रेन शुरू होने से पहले दिखाई देने वाला एक शुरुआती संकेत है, जिसमें व्यक्ति को आंखों के सामने तेज रोशनी के फ्लैश, टेढ़ी-मेढ़ी लकीरें, ज़िग-ज़ैग पैटर्न या कुछ पलों के लिए धुंधला दिखना अथवा कुछ समय के लिए दिखाई देना बंद होने जैसा महसूस हो सकता है। यह स्थिति आमतौर पर कुछ मिनटों से लेकर आधे घंटे तक रहती है और इसके बाद सिर में तेज दर्द, उल्टी या रोशनी से परेशानी जैसे माइग्रेन के अन्य लक्षण सामने आते हैं।

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ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक (TIA) या मिनी-स्ट्रोक

ट्रांजिएंट इस्कीमिक अटैक (TIA) या मिनी-स्ट्रोक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें दिमाग तक जाने वाली ब्लड सप्लाई कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति को अचानक शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी या सुन्नपन महसूस हो सकता है, बोलने में दिक्कत आ सकती है या चेहरे का एक हिस्सा ढीला पड़ सकता है। भले ही इसके लक्षण कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाएं, लेकिन यह भविष्य में बड़े स्ट्रोक का संकेत हो सकता है, इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी होता है।

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रेटिनल डिटैचमेंट (Retinal Detachment)

रेटिनल डिटैचमेंट एक गंभीर आंखों से जुड़ी समस्या है, जिसमें रेटिना अपनी सामान्य स्थिति से अलग होने लगती है। इस दौरान व्यक्ति को अचानक आंखों के सामने काले धब्बे या फ्लोटर्स दिखाई देना, बार-बार तेज चमक महसूस होना या देखने के क्षेत्र के एक हिस्से में परदा गिरने जैसा एहसास हो सकता है। यदि समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह स्थिति दृष्टि को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए इसके लक्षण दिखते ही तुरंत नेत्र चिकित्सक से संपर्क करना बेहद जरूरी होता है।

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कब डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें

अगर आंखों के सामने अंधेरा अचानक और बार-बार छाने लगे, इसके साथ आंखों या सिर में तेज दर्द महसूस हो, या फिर शरीर में कमजोरी, बोलने में परेशानी और चलने में संतुलन बिगड़ने जैसे लक्षण दिखाई दें, तो इसे बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति मेडिकल इमरजेंसी का संकेत हो सकती है, इसलिए बिना देर किए तुरंत आंखों की जांच और न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श कराना बेहद जरूरी होता है।

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आंखों के सामने अचानक अंधेरा छा जाना हमेशा हल्की समस्या नहीं होती। इसकी वजह सामान्य ब्लड प्रेशर में बदलाव से लेकर गंभीर न्यूरोलॉजिकल या रेटिना संबंधी रोग भी हो सकते हैं। सतर्क रहना और समय पर डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।
 


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Monika

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