मैग्जीन देखते हुए सुची मुखर्जी को आया Limeroad का आइडिया, अब 50 मिलियन डॉलर का है कारोबार

punjabkesari.in Monday, Nov 28, 2022 - 12:41 PM (IST)

एक औरत चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकती । वो अपने सारे सपने पुरे कर सकती है। अपने जज्बे से वो अपने सारे सपनों को सच कर सकती है। कुछ ऐसे ही थे फैशन प्लेटफॉर्म लाइमरोड के फांउडर सुची मुखर्जी के सपने। उन्हें जरुरत थी बस एक स्पार्क की जो उन्हें मैग्जीन में छपी ज्वैलरी को देख कर आया और उन्होनें कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। आईए डालते हैं सुची के सफर पर एक नज़र।

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सुचि मुखर्जी में थी गजब की लीडरशिप स्किल

सुचि ने पढ़ाई पूरी होने के बाद लेहमन ब्रदर्स कंपनी में बतौर सीनियर एसोसिएट के रूप में पहली नौकरी की थी। इसी कंपनी में तकरीबन 5 साल से ज्यादा समय देने के साथ ही उन्होंने टेलीकॉम मीडिया टेक्नोलॉजी और फाइनेंस इंस्टीट्यूशन की ओर फोकस किया। वहीं सुचि मुखर्जी ने ऑनलाइन वीडियो कॉल्स एप्लीकेशल 'स्काइप' और ई-कॉमर्स कंपनी 'ईबे' में भी सेवाएं दीं। यही नहीं, सुचि ने अपनी लीडरशिप स्किल के बलबूते पर महज दो साल में विज्ञापन पोर्टल “गमट्री” को यूके का सबसे सफल पोर्टल बना दिया था।

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ऐसे आया लाइमरोड का आइडिया

 दरअसल, लंदन में सुचि एक दिन मैग्जीन पढ़ रहीं थीं। उसमें उन्होंने ज्वैलरी देखी और उसे खरीदना चाहा, लेकिन वह मुंबई की एक छोटी सी दुकान पर उपलब्ध थी। जाहिर-सी बात है कि, इतनी दूर से उसे खरीद पाना संभव नहीं था। इस वाकये ने सुचि को सोचने पर मजबूर कर दिया कि, ऐसी कोई कंज्यूमर टेक्नोलॉजी नहीं है जिससे कि अच्छी एसेसरीज और प्रोडक्ट्स को आसानी से पाया जा सके। वहीं सुचि ने महसूस किया कि दुनिया भर में लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स का तकरीबन 20 करोड़ डॉलर का कारोबार है, लेकिन भारत की इसमें सिर्फ 20 फीसदी हिस्सेदारी ही है। यही वजह रही कि उन्होंने भारत के छोटे-मंझोले कारोबारियों को एक डिजिटल मंच पर ले जाने के बारे में सोचा, जहां वे अपने उत्पादों को बेच सकें। एक महिला होने के नाते सुचि को पता था कि देश-दुनिया में महिलाओं को किस तरह के प्रोडक्ट्स पसंद हैं। उन्होनें लाइमरोड फैशन प्लेटफॉर्म  के जरिए शॉपिंग की समस्या का निदान करने प्रयास किया है।

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400 मिलियन से ज्यादा स्मार्टफोन में लाइमरोड एप पा चुका है जगह

आपको बता दें कि सोशल कॉमर्स लाइमरोड मोबाइल एप की मदद से महिलाएं  शानदार ज्वैलरी, आकर्षक कपड़े, पर्स आदि लाइफ स्टाइल से जुड़ीं चीजें खरीद सकती हैं ।अब लाइम रोड एप की पहुंच 400 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन  तक हो चुकी है, जिसमें 30-50 % तक महिलाएं शामिल हैं। वहीं टाइगर ग्लोबल, लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर, मैट्रिक्स पार्टनर इंडिया कंपनियां लाइमरोड डॉट कॉम की सफलता को देखते हुए उसे अब तक 50 मिलियन डॉलर (330 करोड़ रुपए से अधिक) की तीन श्रेणियों में फंडिंग कर चुकी हैं। 
 
 


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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