कोरोना काल में बढ़ाई कर्मचारियों की सैलरी, पंजाब की Mandeep Kaur Sidhu बनी मसीहा
punjabkesari.in Wednesday, May 04, 2022 - 02:24 PM (IST)
अगर इरादे मजबूत हो तो आप कोई भी काम कर सकते हैं। यह बात पंजाब की मनदीप कौर सिद्धु ने सच कर दिखाई है। सिद्धू ने अपने पति मंदीप के साथ मिलकर एक कंपनी शुरु की थी। यहां पर आज 50 से ज्यादा कमर्चारी आई.आई.टी और आई.आई.एम(IITs,IIMs) से ग्रेजेएटुड हैं। जिन्हें वो साल के 2 करोड़ रुपये देती हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि मनदीप कौर सिद्धू ने कैसे अपने करियर की शुरुआत की थी...
कौन है मनदीप कौर सिद्धू
सिद्धू अमृतसर के टांगड़ा जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता की आटे की चक्की थी और माता एक गृहिणी थी। सिद्धू के पति का मकसद सिर्फ अपने बच्चों को शिक्षित करना था। सिद्धू का एक छोटा भाई भी है। उन्होंने कॉनवेंट स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की थी। उन्होंने 12वीं के बाद लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सटी जालंधर से बीबीए और एमबीए की डिग्री पूरी की। वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से थी और हमेशा से ही विश्वविद्यालय की टॉपर रही थी।
2011 में मिली थी पहली सैलेरी
सिद्धू बताती हैं कि कॉलेज में 10वें सेमेस्टर के दौरान उनकी ट्रेनिंग 'रहेजा ग्रूप' के हाइपरमार्केट में हो गई। जिसके बाद उन्हें 2011 में पहले वेतन के तौर पर 25,000 रुपये मिला था। उन्होंने अपनी सारी सैलेरी मां को दे दी। ताकि वह उनके कॉलेज की फीस दे सकें। 2012 में बेंगकॉक के लग्जरी ज्वेलरी ब्रेंड प्राइमा गोल्ड ने मॉल में अपना एक स्टॉर खोला। स्टोर के लिए मार्केटिंग पर्सन की जरुरत थी। मॉल के अधिकारियों ने सिद्धू के नाम का सुझाव दिया। यहां से उन्हें अपने करियर को नई दिशा देने का बहुत ही अच्छा मौका मिला
2013 में हुई सिद्धू की शादी
2013 में सिद्धू ने मनदीप से शादी की। मनदीप अपने गांव में एक कंपनी खोलना चाहते थे। दोनों ने मिलकर 'सिंबा क्वार्टज' नाम की कंपनी शुरु की। जिसमें वह छात्रों को सिखाने के साथ-साथ उन्हें अच्छे वेतन भी देते हैं। मनदीप का भाई भी इसी कंपनी में काम करता है। मनदीप अपना एक नया ऑफिस बनाना चाहती थी। लेकिन कोरोना के कारण उन्होंने अपने काम को बीच में ही रोक दिया। मनदीप एन.जी.ओ और स्माइल्स केयर भी चलाती हैं। उन्होंने पिछले चार सालों में पंजाब के विभिन्न गांवों में 390 अभियान भी चलाएं हैं। कोरोना काल में उन्होंने कर्मचारियों की सैलरी में भी इजाफा किया था। उनका मानना है कि इस समय में व्यवसाय चलाने वाले मालिकों को रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए और ज्यादा से ज्यादा परिवारों की मदद करनी चाहिए।