फेफड़ों में इंफेक्शन के ये 5 लक्षण न करें नजरअंदाज, समय रहते न पहचाने तो बढ़ सकती है परेशानी
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 04:44 PM (IST)

नारी डेस्क: फेफड़ों में संक्रमण (लंग्स इंफेक्शन) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकती है। इस स्थिति में फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस की वजह से सूजन आ जाती है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कई बार इसके लक्षण मामूली सर्दी-जुकाम जैसे लगते हैं, लेकिन अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इसके प्रारंभिक संकेतों को पहचानकर समय पर इलाज लिया जाए।
फेफड़ों में इंफेक्शन के प्रमुख लक्षण
खांसी के साथ गाढ़ा बलगम: अगर आपको लगातार खांसी आती है और उसके साथ गाढ़ा बलगम निकलता है, तो यह लंग्स इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। बलगम सफेद, पीला या भूरा रंग का हो सकता है। कई बार इसमें थोड़ा खून भी हो सकता है। यह खांसी आम सर्दी-जुकाम की खांसी से अलग होती है, क्योंकि इसमें बलगम अधिक मात्रा में और गाढ़ा होता है।
सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ: इंफेक्शन के कारण फेफड़ों में सूजन या बलगम जमा हो जाता है, जिससे ऑक्सीजन शरीर में सही तरीके से नहीं पहुंच पाती। थोड़ा चलने या सीढ़ियां चढ़ने पर ही सांस फूलने लगती है। सांस लेने में भारीपन या रुकावट महसूस हो सकती है। अगर ये लक्षण लगातार बने रहें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
सीने में दर्द या चुभन: अगर खांसते या गहरी सांस लेते समय सीने में तेज दर्द या चुभन हो तो यह भी संक्रमण का संकेत हो सकता है। यह दर्द कई बार पीठ के ऊपरी हिस्से तक भी पहुंच सकता है। यदि दर्द असहनीय हो तो तुरंत चिकित्सा सलाह लें। डॉक्टरों के अनुसार, इस तरह का दर्द इग्नोर करना खतरनाक हो सकता है।
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बुखार और ठंड लगना: फेफड़ों में इंफेक्शन होने पर तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। बुखार अगर 102°F से ज्यादा हो या तीन दिन से अधिक बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह लक्षण दर्शाते हैं कि शरीर संक्रमण से लड़ रहा है और इम्यून सिस्टम पर दबाव बढ़ गया है।
थकान और कमजोरी: संक्रमण के दौरान शरीर की ऊर्जा बैक्टीरिया या वायरस से लड़ने में खर्च होती है, जिससे व्यक्ति को ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होती है। बिना कोई काम किए भी शरीर भारी लगता है। लगातार सुस्ती बनी रहती है। यह इशारा करता है कि शरीर को ऑक्सीजन की सही मात्रा नहीं मिल रही है।
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अन्य संभावित लक्षण जिन पर ध्यान दें
लगातार बहती नाक या गले में खराश
सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
होंठ या त्वचा का नीला पड़ना (ऑक्सीजन की कमी का संकेत)
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आपके अंदर ये लक्षण दिखाई दें, तो देरी न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें बुखार तीन दिन से ज्यादा बना रहे या बहुत तेज हो जाए, सांस लेने में लगातार परेशानी हो, खांसी के साथ खून आ रहा हो, सीने में तेज दर्द या चुभन हो, लगातार थकान और कमजोरी बनी रहे।
फेफड़ों के संक्रमण से कैसे बचें?
साफ-सफाई का ध्यान रखें – नियमित हाथ धोएं और मास्क पहनें
भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें – खासकर वायरल सीजन में
पौष्टिक आहार लें – विटामिन C, D और जिंक से भरपूर भोजन लें
जरूरत पड़ने पर टीकाकरण करवाएं – फ्लू और निमोनिया के लिए
पर्याप्त पानी पिएं और आराम करें – शरीर को हाइड्रेट और रेस्ट देना जरूरी है
फेफड़ों का संक्रमण गंभीर भी हो सकता है अगर समय पर इसके लक्षणों को पहचाना न जाए। इसलिए यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी संकेत महसूस हों, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सही समय पर इलाज से बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है और आप स्वस्थ रह सकते हैं।