Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के 9 दिन देवी मां को लगाएं इन चीजों का भोग, सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

punjabkesari.in Sunday, Mar 30, 2025 - 04:05 PM (IST)

नारी डेस्क: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी। धार्मिक दृष्टि से, एक वर्ष में चार बार नवरात्रि आती हैं: चैत्र, आषाढ़, अश्विन और माघ मास में। इनमें से चैत्र और अश्विन मास की नवरात्रि विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती हैं, जबकि अन्य दो नवरात्रि तंत्र-मंत्र की साधना के लिए विशेष होती हैं। नवरात्रि के दौरान देवी मां की आराधना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस अवधि में कन्या पूजा का भी विशेष महत्व है, जिसमें नौ वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को देवी दुर्गा के रूप में पूजा जाता है।

नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा

नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है:शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री

नवरात्रि के नौ दिनों में माता को अर्पित किए जाने वाले भोग

पहला दिन (30 मार्च 2025): मां शैलपुत्री की पूजा के दिन शुद्ध गाय के घी से बनी मिठाई का भोग अर्पित करें। इससे स्वास्थ्य में सुधार और आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।

दूसरा दिन (31 मार्च 2025): मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग अर्पित करें। यह आयु में वृद्धि और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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तीसरा दिन (1 अप्रैल 2025): मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग अर्पित करें। इससे कीर्ति, सम्मान और धन लाभ के योग बनते हैं।

चौथा दिन (2 अप्रैल 2025): मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग अर्पित करें। यह भोग बौद्धिक विकास और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि करता है।

पांचवां दिन (3 अप्रैल 2025): मां स्कंदमाता को केले का भोग अर्पित करें। इससे शारीरिक रोगों से मुक्ति और मानसिक शांति मिलती है।

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छठा दिन (4 अप्रैल 2025): मां कात्यायनी को शहद का भोग अर्पित करें। यह भोग आकर्षण शक्ति में वृद्धि और सौंदर्य में निखार लाता है।

सातवां दिन (5 अप्रैल 2025): मां कालरात्रि को गुड़ का भोग अर्पित करें। इससे नकारात्मकता का नाश और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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आठवां दिन (6 अप्रैल 2025): मां महागौरी को नारियल का भोग अर्पित करें। यह सांसारिक सुख और समृद्धि में वृद्धि करता है।

नौवां दिन (6 अप्रैल 2025): मां सिद्धिदात्री को हलवा, पूड़ी और चने की सब्जी का भोग अर्पित करें। इस दिन कन्या पूजन भी विशेष रूप से किया जाता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।

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नवरात्रि के दौरान विशेष ध्यान रखने योग्य बातें

स्नान और स्वच्छता: नवरात्रि के दिनों में प्रात:काल उबटन और स्नान का विशेष महत्व है। इससे शरीर और मन की शुद्धि होती है।

व्रत और उपवास: जो भक्त व्रत रखते हैं, उन्हें फलाहार या निर्जला उपवास का पालन करना चाहिए।

पूजा विधि: प्रतिदिन माता की पूजा विधि पूर्वक करें। दीप, धूप, नैवेद्य और पुष्प अर्पित करें।

कन्या पूजन: अष्टमी या नवमी के दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें उपहार दें। यह विशेष पुण्य का कार्य माना जाता है।

इन सरल और प्रभावी उपायों का पालन करके आप इस नवरात्रि में देवी मां की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली का अनुभव कर सकते हैं।


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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