Parshuram Jayanti 2025: कब मनाई जाएगी परशुराम जयंती, जानें सही तिथि और पूजा विधि

punjabkesari.in Saturday, Apr 19, 2025 - 06:01 PM (IST)

नारी डेस्क: हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी की जयंती बड़े श्रद्धा भाव से मनाई जाती है। इस साल यानी 2025 में परशुराम जयंती की तिथि 29 अप्रैल को पड़ रही है। इस वर्ष तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शुरू होगी और इसका समापन 30 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था, इसलिए परशुराम जयंती 29 अप्रैल को मनाई जाएगी।

परशुराम जयंती पर बन रहे शुभ योग

इस खास दिन पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जो पूजा-पाठ और व्रत के लिए बेहद फलदायी माने जाते हैं। सौभाग्य योग: यह योग 29 अप्रैल को सुबह 3:54 बजे तक रहेगा। त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी इस दिन बन रहे हैं। इन शुभ योगों में अगर श्रद्धा भाव से भगवान परशुराम की पूजा की जाए, तो ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

परशुराम जयंती पर कैसे करें पूजा?

इस दिन श्रद्धालु भगवान परशुराम का व्रत रखते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं। यहां जानिए आसान पूजा विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठें और शुद्ध होकर भगवान विष्णु का ध्यान करें।
घर की सफाई करें और सकारात्मक माहौल बनाएं।
गंगाजल मिलाकर स्नान करें, जिससे शरीर और मन दोनों शुद्ध हो जाएं।
सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
अब भगवान परशुराम की पूजा विधिपूर्वक करें।
दीपक जलाएं,
तुलसी पत्र, चंदन, फूल, अक्षत आदि अर्पित करें।
परशुराम स्तुति या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
प्रदोष काल में व्रत और उपवास करें। ऐसा करने से व्रत का फल दोगुना माना जाता है।

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परशुराम जी से जुड़ी पौराणिक मान्यताएं

ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम अभी भी पृथ्वी पर निवास करते हैं। यही कारण है कि उनकी पूजा बाकी अवतारों जैसे भगवान राम या श्रीकृष्ण की तरह आम रूप से नहीं होती है। दक्षिण भारत में कर्नाटक के उडुपी के पास पजाका नामक स्थान पर भगवान परशुराम का एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। मान्यता है कि भगवान परशुराम ही कलियुग के अंतिम अवतार 'कल्कि' को शस्त्र विद्या सिखाएंगे। यह भी कहा जाता है कि भगवान परशुराम, भगवान राम और माता सीता के विवाह में भी उपस्थित थे।

परशुराम जयंती न केवल भगवान परशुराम के जीवन और आदर्शों को याद करने का दिन है, बल्कि यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना और धर्म की रक्षा करना हमारे जीवन के महत्वपूर्ण सिद्धांत होने चाहिए।

अगर श्रद्धा से पूजा की जाए और परशुराम जी के बताए मार्ग पर चला जाए, तो जीवन में सफलता और शांति दोनों मिल सकती हैं। अगर आप चाहें तो मैं इस पर सोशल मीडिया कैप्शन, यूट्यूब डिस्क्रिप्शन या थंबनेल टेक्स्ट भी बना सकता हूं।




 


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Content Editor

PRARTHNA SHARMA

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