बच्चा कर रहा है ये हरकतें तो हो जाएं सतर्क, नहीं हो पाएगा जिंदगी में Successful

punjabkesari.in Wednesday, May 29, 2024 - 12:25 PM (IST)

नारी डेस्क : मां- बाप अपने बच्चों से बहुत उम्मीदें पालकर रखते हैं। वो चाहते हैं जिंदगी में जो वो अचीव नहीं कर पाएं वो उनके बच्चे करें। हालांकि इन सब के बीच वो बच्चों में परफेक्ट होने का इतना प्रेशर डालते हैं कि कुछ संकेतों को इग्नोर करते हैं। जी हां, बचपन में ही बच्चे कुछ ऐसे संकेत देते हैं जो आपके बच्चे को जिदंगी में अचीवर बनने से रोक सकते हैं। ये एग्जाम से कम नंबर लाना या बदतमीजी करना नहीं है। अगर आप ध्यान देंगे तो आपको समझ आएगा कि आखिर क्या हैं ये कमियां और आप इसे ठीक करने की तरफ काम भी कर सकते हैं...

आत्म- सम्मान की कमी

जिन बच्चों में आत्मसम्मान की कमी होती है, वे अपनी क्षमताओं पर संदेह कर सकते हैं और चुनौतियों का सामना करने में झिझिक सकते हैं। वे क्लास में डिस्कशन और कर्रिकुलर  एक्टिविटीज में भाग लेने से बचते हैं। वहीं वो कहीं पर भी अपनी राय को खुलकर नहीं रखते हैं। इसलिए आप अपने बच्चों में confidence बढ़ाएं और हर अचीवमेंट पर उनकी तारीफ जरूर करें। इससे वो जिंदगी में रिस्क उठाने या कुछ करने में हिचकिचाएंगी नहीं।

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काम को टालते रहना

एंग्जायटी, डर या फेल होने या प्रोत्साहन की कमी की वजह से आपका बच्चा बार- बार किसी काम को टालने की कोशिश कर सकता है। अगर आपका बच्चा आखिरी मिनट तक अपने काम या होमवर्क को टालता रहता है, तो आपको उसके इस व्यवहार का कारण पता लगाकर उसकी मदद करें।

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खुद को व्यक्त न कर पाना

बच्चे को टाइम को मैनेज करने, अपने कामों को प्राथमिकता देने और डेडलाइन को पूरा करने में दिक्कत आती है तो आपको इस बात पर खास ध्यान रखना चाहिए। इस व्यवहार के चलते बच्चे का काम अधूरा छूट सकता है जो उसके तनाव का कारण बनने लगेगा। आप अपने बच्चे को व्यवस्थित तरीके से काम करना सिखाएं। असके अलावा कम्यूनिकेशन स्किल्स बेहतर न होने से बच्चा आगे जाकर करियर में दिक्कत फेस करता है। जिन बच्चों को खुद को व्यक्त करने में परेशानी होती है, वो ग्रुप एक्टिविटीज या जरूरत पड़ने पर मदद लेने से हिचकिचाते हैं।

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ध्यान भटकना

फोकस न करना पाने वाली बात को हल्के में न लें। ये एडीएचडी के संकेत हो सकते हैं। ये नींद की कमी या बहुत ज्यादा टीवी देखने की वजह से हो सकते हैं। बड़ी फैमिली जहां बहुत शोर- शराबा है वो भी इसका कारण हो सकता है। पढ़ाई में अव्वल आने के लिए बच्चों की इस प्रॉब्लम को पहचानकर उसे सॉल्व करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा डिस्लेक्सिया या एडीएचडी को इग्नोर कर देते हैं। अगर सही समय पर इनकी पहचान कर के इलाज शुरू कर दिया जाए, तो परेशानी को बढ़ने से रोका जा सकता है।


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Content Editor

Charanjeet Kaur

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