मुंबई का Siddhivinayak मंदिर है बेहद चमत्कारी, यहां आने वाले कभी नहीं लौटते खाली हाथ
punjabkesari.in Thursday, Sep 14, 2023 - 05:51 PM (IST)
गणेश चतुर्थी का त्योहार आने वाला है। इस मौके पर पूरे भारत के साथ-साथ मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में इसकी खूब धूम देखने को मिलती है। बता दें गणपति बप्पा के इस मंदिर में लोगों की बहुत श्रद्धा है और यहां पर बारी दिनों में भी भक्तों की लंबी कतार लगती है। सिद्धिविनायक की गिनती देश की अमीर मंदिरों में होती है। इस मंदिर की महिम के चर्चे भी दूर- दूर तक होते हैं। यहां दर्शन करने वाला कोई भी कभी खाली हाथ नहीं जाता है। आइए आपको बताते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से....
- मान्यता है कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने किया था। मान्यता है इस मंदिर के निर्माण में लगने वाली धनराशि एक नि:संतान कृषक महिला ने दी थी, ताकि सिद्धिविनायक के आशीर्वाद से जीवन में कोई भी महिला बांझ न हो और सभी को संतानसुख की प्राप्ति हो।
- सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा को काले पत्थर से बनाया गया है, जहां पर वे अपनी दोनों पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान हैं। मंदिर के गर्भग्रह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर मंडप है, जिसमें भगवान सिद्धिविनायक विराजते हैं।
- गणपति बप्पा के इस मंदिर की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरों में की जाती है। मान्यता है कि यहां साल भर में जितना चढ़ावा चढ़ता है, उतने में पूरी मुंबई के लोगों को भरपेट भोजन करवाया जा सकता है। जिन भक्तों की यहां मनोकामना पूरी होती है, वे यहां पर गुप्तदान करके जाते हैं। मंदिर की भीतरी छत सोने से ढकी हुई है।
- गणेश उत्सव के दौरान सिद्धिविनायक मंदिर में गणपति बप्पा के दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है। इस दौरान देश ही नहीं विदेश से तीर्थयात्री यहां पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
-चतुर्भुजी विग्रह वाले सिद्धिविनायक के ऊपर वाले दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक से भरा कटोरा है। वहीं मस्तक पर भगवान शिव के समान तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार है।
- मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से ही गणपति भक्त के बड़े से बड़े संकट पलक झपकते दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि बॉलीवुड के बड़े कलाकार भी यहां पर माथा टेकने पहुंचते हैं।