इस देश में पुरुषों के लिए हैरान करने वाला कानून, दो शादी करना जरूरी!
punjabkesari.in Tuesday, Sep 09, 2025 - 01:19 PM (IST)

नारी डेस्क: भारत में पहली बीवी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी करना कानूनी रूप से मुमकिन नहीं है। बता दें की दुनिया के अलग-अलग देशों में शादी और परिवार से जुड़े नियम अलग-अलग होते हैं। लेकिन अफ्रीका महाद्वीप में ऐसा एक देश है, जहां पुरुषों के लिए दो शादी करना कानूनन अनिवार्य है।
इरीट्रिया: पुरुषों के लिए दो शादी करना जरूरी
इरिट्रिया में लागू यह कानून दुनिया में बिल्कुल अनोखा है। इस कानून के अनुसार, हर पुरुष के लिए कम से कम दो शादी करना अनिवार्य है। यदि कोई पुरुष इस नियम का पालन नहीं करता और दो शादी करने से इंकार करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाती है। उल्लंघन करने पर पुरुष को आजन्म जेल की सजा भी दी जा सकती है।
कानून बनने का कारण
इरिट्रिया में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। इसका मुख्य कारण यहां लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध और संघर्ष हैं, जिनकी वजह से पुरुषों की संख्या काफी कम हो गई है। इसी असंतुलन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पुरुषों के लिए दो शादी करना अनिवार्य करने वाला यह कड़ा कानून बनाया।
महिलाओं पर भी सख्त नियम
इरिट्रिया में इस कानून का असर सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए भी कड़े नियम बनाए गए हैं। महिलाएं पुरुषों को दो शादी करने से रोक नहीं सकतीं और यदि कोई महिला इस कानून में बाधा डालने की कोशिश करती है, तो उसे भी कानूनी कार्रवाई और जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है। इस तरह, कानून महिलाओं को भी सीधे तौर पर नियंत्रित करता है और सुनिश्चित करता है कि वे पुरुषों की दो शादी करने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप न कर सकें।
कानून का असर
इरिट्रिया में लागू इस कानून का असर बेहद गंभीर है। इसके तहत पुरुषों को दो शादी करना अनिवार्य है, चाहे वह खुशी-खुशी शादी करना चाहें या मजबूरी में, उन्हें इस नियम का पालन करना ही होगा। इसका मतलब यह है कि पुरुषों के पास इस मामले में कोई विकल्प या स्वतंत्रता नहीं है। कानून इतना सख्त है कि यदि कोई पुरुष दो शादी करने से इंकार करता है, तो उसे आजन्म जेल की सजा तक हो सकती है। वहीं, महिलाओं को इस कानून में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं है और अगर वे रोकने की कोशिश करें तो उन्हें भी सजा भुगतनी पड़ सकती है।
इरिट्रिया का यह कानून दुनिया में बिल्कुल अनोखा है। यहां का मकसद महिलाओं और पुरुषों की संख्या के बीच संतुलन बनाए रखना है। हालांकि यह नियम हमारे देश और ज्यादातर देशों की सोच से काफी अलग है।