Menopause Awareness: मेनोपॉज़ सिर्फ़ महिलाओं का मुद्दा नहीं, पुरुष भी हैं प्रभावित

punjabkesari.in Tuesday, Dec 02, 2025 - 02:44 PM (IST)

 नारी डेस्क:  मेनोपॉज़ की चर्चा अक्सर सिर्फ़ महिलाओं तक ही सीमित समझी जाती है। लेकिन सच यह है कि मेनोपॉज़ का असर केवल महिला तक ही सीमित नहीं रहता – यह पूरे परिवार, रिश्तों और घर की भावनात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है। फिर भी, इस अहम बातचीत में पुरुष अक्सर पूरी तरह गायब रहते हैं। तमीन्ना सिंह, Menoveda की फाउंडर और सर्टिफ़ाइड मेनोपॉज़ कोच, मानती हैं कि जब पुरुष भी इस संवाद का हिस्सा बनते हैं, तो परिवार और रिश्तों में संतुलन और समझ दोनों बढ़ती हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे पुरुषों की भागीदारी मेनोपॉज़ को सिर्फ़ महिला का मुद्दा नहीं रहने देती और पूरे परिवार के लिए फायदेमंद साबित होती है।

पुरुष क्यों संघर्ष करते हैं?

जब पत्नी, बहन या सहकर्मी अचानक चिड़चिड़ी, थकी हुई, भावुक या चिंतित लगती हैं, तो पुरुष इसे व्यक्तिगत ले लेते हैं। वो समझ ही नहीं पाते कि ये बदलाव हार्मोन के कारण हैं, व्यवहार के कारण नहीं। बहुत से पुरुष बताते हैं कि उन्हें समझ नहीं आता कैसे मदद करें  दूरी बनानी है या करीब आना है। इस उलझन से उनकी अपनी mental health भी खराब होती है  चिंता, झुंझलाहट और भावनात्मक दूरी बढ़ जाती है।

PunjabKesari

बातचीत क्यों ज़रूरी है?

क्योंकि मेनोपॉज़ अकेले महिला को नहीं, रिश्ते को प्रभावित करता है। अगर पुरुष समझें कि ये mood swings नहीं, hormonal shifts हैं। ये थकान आलस नहीं, metabolic slowdown है। ये दूरी प्यार की कमी नहीं, emotional overwhelm है।
तो सपोर्ट आसान हो जाता है और रिश्ते मज़बूत होते हैं।

पुरुष क्या कर सकते हैं?

1. पूछें, पर दबाव न डालें: “कैसा महसूस कर रही हो?” ये पांच शब्द चमत्कार कर सकते हैं।

2. व्यक्तिगत न लें: उसका खराब दिन आपके बारे में नहीं है।

3. घर का mental load बांटें: छोटी-छोटी मदद  planning, kids, खाने की जिम्मेदारी  बड़ा फर्क लाती है।

4. खुद भी पढ़ें-सिखें:10 मिनट के वीडियो या लेख पुरुषों की समझ बदल सकते हैं।

5. धैर्य रखें: Hormones stabilize होते हैं, लेकिन सपोर्ट याद रहता है।

PunjabKesari

“पुरुषों को बातचीत से बाहर रखना दोनों को नुकसान पहुंचाता है  रिश्तों को भी, मानसिक स्वास्थ्य को भी।” जब पुरुष बातचीत में शामिल होते हैं, महिलाए अकेली महसूस नहीं करतीं और रिश्ते पहले से ज़्यादा मजबूत बनते हैं।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Priya Yadav

Related News

static