देश की पहली महिला प्रादेशिक सेना अधिकारी हैं शिल्पी गर्गमुख

punjabkesari.in Thursday, Jan 03, 2019 - 01:10 PM (IST)

नारी समाज की वह शक्ति है जो समाज के हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। आज के समाज में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जहां महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन न किया हो। ऐसे ही जज्बे की मिसाल पेश कर रही है शिल्पी गर्गमुख, जिन्हें 5 अक्तूबर 2016 को देश की पहली प्रादेशिक सेना ऑफिसर लेफ्टिनेंट बनने का गौरव प्राप्त है।   

 

कौन है शिल्पी गर्गमुख

शिल्पी गुर्गमुख ने बिहार के कटिहार में नवोदय विद्यालय में दसवीं और बाहरवीं में टॉप करने के बाद बिरसा प्रौद्योगिकी इंस्टीट्यूट से केमिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होने हैदराबाद में टीसीएस में नौकरी की लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हुई। 

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भाइयों से मिली प्रेरणा

शिल्पी के दो भाई सशक्त बल में कार्यरत हैं, उनकी ऑलिव ग्रीन वर्दी शिल्पी को बहुत आकर्षित करती थी। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की और ओएनजीसी अंकलेश्वर में केमिकल इंजीनियर के पद के लिए चुनी गई। इसी से उन्हें पता चला कि ओएनजीसी के माध्यम से वे क्षेत्रीय सेना में जा सकती हैं। इस माध्यम से शिल्पी ने अपने सपने को पूरा होते हुए देखा। 

 

क्षेत्रीय सेना में जाने के लिए की कड़ी मेहनत 

क्षेत्रीय सेना में जाने के लिए शिल्पी में कड़ी मेहनत कर इसके लिए जरूरी जांच और परीक्षा पास की। इस उपलब्धि को हासिल करते हुए वह देश की पहली प्रादेशिक सेना ऑफिसर लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया। 

 

भारतीय सेना का हिस्सा है प्रादेशिक सेना

प्रादेशिक सेना देश की सेवा का ही एक भाग है जो भारतीय सेना का हिस्सा है। इसके लिए हर साल कुछ दिनों के लिए स्वयंसेवको को कुछ दिन सैनिक प्रशिक्षण की ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें इसलिए ट्रेनिंग दी जाती है ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें देश की रक्षा के इस सेना का उपयोग किया जा सके। 

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Content Writer

Priya verma

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