Shani Pradosh 2020: संतान प्राप्ति के लिए जरूर करें ये व्रत, इन नियमों का पालन जरूरी
punjabkesari.in Friday, Dec 11, 2020 - 05:05 PM (IST)
हिंदू तिथि के अनुसार, त्रयोदशी महीने में 2 बार आती है, जिसमें प्रदोषम व्रत किया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव व मंदी की पूजा की जाती है, जो बहुत फलदाई माना जाता है। मगर, जो प्रदोषम व्रत शनिवार के दिए आए उसे शनि प्रदोषम कहा जाता है। भगवान शिव शनि ग्रह के देवता हैं इसलिए शनिदोष को दूर करने के लिए भी लोग यह व्रत रखते हैं।
कब है शनि प्रदोष व्रत?
इस बार यह व्रत 12 दिसंबर 2020 यानि कल पड़ रहा है। वहीं, 27 दिसंबर को ही रविवार के दिन रवि प्रदोष व्रत भी पड़ेगा। द्वादशी तिथि सुबह 7:03 मिनट तक रहेगी और फिर त्रयोदशी तिथि शुरू हो जाएगी, जोकि रात 3:53 मिनट तक होगी। प्रदोष पूजा का समय सूर्यास्त से 1.5 घंटे पहले और सूर्यास्त के 1.5 घंटे बाद होता है।
चलिए आपको बताते हैं इस व्रत को रखने के कुछ नियम...
. त्रयोदशी के दिन सूर्यउदय से पहले उठकर स्नान करें और भगवान शिव का ध्यान लगाएं। शाम को शिव पूजा के बाद फलाहार भोजन करें और नमक बिल्कुल ना खाएं। साथ ही मांस-मछली, शराब, सिगरेट से भी परहेज रखें।
. प्रदोषम के दिन लोग व्रत करते हैं और शाम को शनिदेव व भगवान शिव की अराधना के बाद व्रत खोलते हैं। हालांकि बीमार लोग व गर्भवती महिलाएं इस दौरान दूध व फल ले सकते हैं।
. मान्यता है कि इस दिन शनिदेव का सरसों तेल से अभिषेक करना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
. ध्यान रखें कि इस दिन गुस्सा, किसी से अपशब्द, ईर्ष्या-द्वेष ना करें। इससे शनिदेव नाराज होते हैं। साथ ही इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
. व्रत के दौरान किसी गरीब या जरूरतमंद को वस्त्र, अन्न, जूते-चप्पल दान देने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
साढ़ेसाती से मिलती है मुक्ति
शनि प्रदोष व्रत करने से साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के अलावा खोई वस्तु, नौकरी, पुत्र प्राप्ति भी होती है। साथ ही इससे भगवान शिव का आशीर्वाद भी मिलता है।
व्रत के नियम
बिजनेस में सफलता और धनलाभ के लिए करें ये उपाय
1. बिजनेस में सफलता या नौकरी चाहिए तो इस दिन काले तिल से शिवलिंग का जल अभिषेक करें। साथ ही ‘ऊँ’ शब्द का उच्चारण करें।
2. जीवन में खुशहाली चाहिए तो इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीप जलाएं।
3. शादी नहीं हो पा रही तो भगवान शिव और माता पार्वती को कलावे से एक सूत्र में बांधें। साथ ही मां को लाल चुनरी अर्पित करें।
4. आर्थिक नुकसान की मार झेल रहे हैं तो पीपल के पेड़ के एक खास घर व नीला फूल चढ़ाए। साथ ही 'ऊं शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का 108 बार जप करें।
5. इस दिन शिवलिंग पर शमी पत्र , 11 फूल और 11 बेलपत्र अर्पित करना भी अच्छा माना जाता है।