Amalaki Ekadashi 2025: जानें व्रत की पूजा विधि, समय और महत्व की पूरी जानकारी

punjabkesari.in Sunday, Mar 09, 2025 - 11:40 AM (IST)

 नारी डेस्क: आमलकी एकादशी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। यह व्रत हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने की परंपरा है, जिसे आमलकी एकादशी कहा जाता है। इसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और इसके साथ ही सभी दोषों का नाश होता है।

आमलकी एकादशी 2025 की तारीख

आमलकी एकादशी का पर्व इस साल 10 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की एकादशी तिथि का प्रारंभ 9 मार्च को सुबह 07:45 बजे से होगा, और समापन 10 मार्च को सुबह 07:44 बजे होगा। इसलिए आमलकी एकादशी की पूजा 10 मार्च को ही की जाएगी।

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आमलकी एकादशी 2025 व्रत पारण का शुभ मुहूर्त

आमलकी एकादशी व्रत का पारण 11 मार्च को सुबह 06:35 बजे से 08:13 बजे तक शुभ मुहूर्त में किया जाएगा। इस समय के दौरान व्रत का पारण करना श्रेष्ठ माना जाता है। पारण के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा करनी चाहिए या फिर गरीबों को दान देना चाहिए, ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके।

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आमलकी एकादशी 2025 के पूजा समय

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:59 बजे से 05:48 बजे तक

गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:24 बजे से 06:49 बजे तक

निशिता मुहूर्त: 11 मार्च को रात 12:07 बजे से 12:55 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त: शाम 06:12 बजे से 07:52 बजे तक

अमृत काल: दोपहर 12:08 बजे से 12:55 बजे तक

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सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय: सुबह 06:36 बजे

सूर्यास्त: शाम 06:26 बजे

चंद्रोदय: दोपहर 02:51 बजे

चन्द्रास्त: 11 मार्च को सुबह 04:59 बजे

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क्यों है खास आमलकी एकादशी

आमलकी एकादशी को लेकर कई विशेष मंत्रों का जाप भी किया जाता है, जो भक्तों के बिगड़े हुए कामों को सही कर सकते हैं। इस दिन किए गए पूजा-अर्चना और व्रत से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है।

Disclaimer: इस लेख में दिए गए उपाय और जानकारी सामान्य सूचना के लिए हैं। कृपया ध्यान रखें कि यह लेख विभिन्न धार्मिक मान्यताओं, पंचांगों और ज्योतिषियों से ली गई जानकारी पर आधारित है। इस बारे में किसी भी प्रकार की सलाह लेने से पहले अपना विवेक इस्तेमाल करें।
 
 


 
 


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Content Editor

Priya Yadav

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