"इनमें डूबें मत..." मास्टरबेशन करने वालों को सद्गुरु ने दी खास और अहम सलाह
punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 07:27 PM (IST)

नारी डेस्क: सद्गुरु अक्सर युवाओं से जुड़े विषयों पर खुलकर और सरल भाषा में बात करते हैं। पोर्नोग्राफी और मास्टरबेशन जैसे टॉपिक पर उनका मानना है कि इन चीज़ों को जीवन के केंद्र में नहीं, बल्कि परिधि (Periphery) पर रखना चाहिए। इसका मतलब यह है कि इन्हें जीवन का मुख्य उद्देश्य न बनाएं, बल्कि अपनी ऊर्जा और ध्यान बड़े लक्ष्यों की ओर केंद्रित करें।
सद्गुरु की मुख्य बातें
सद्गुरु का कहना है कि जिज्ञासा स्वाभाविक है, युवावस्था में शरीर में बदलाव और हार्मोनल एक्टिविटी के कारण आकर्षण और जिज्ञासा होना सामान्य है लेकिन इसे अपनी सोच और समय पर हावी न होने दें और जीवन का केंद्र न बनाएं। उनका कहना है कि अगर आप दिन का ज्यादातर समय पोर्न देखने या इसके बारे में सोचने में बिताते हैं, तो आपकी ऊर्जा गलत दिशा में जा रही है। ध्यान, पढ़ाई, करियर और स्किल डेवेलपमेंट जैसे काम जीवन में ज्यादा मायने रखते हैं।
ऊर्जा का सही इस्तेमाल करें
सद्गुरु का युवाओं से कहना है कि यौन ऊर्जा को सिर्फ शारीरिक संतुष्टि के लिए इस्तेमाल करने के बजाय इसे क्रिएटिव और प्रोडक्टिव कामों में बदलें। योग, खेल, म्यूज़िक, आर्ट जैसी गतिविधियां इस ऊर्जा को सही दिशा देती हैं। बार-बार पोर्न देखने से दिमाग में अवास्तविक कल्पनाएं बन सकती हैं, जो असली रिश्तों और इमोशनल कनेक्शन को कमजोर कर देती हैं।
संतुलन बनाए रखें
सद्गुरु का कहना है कि अपनी इच्छाओं को दबाना भी गलत है, लेकिन इन्हें अपने जीवन पर हावी होने देना और भी ज्यादा गलत है। संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं - न पूरी तरह इनसे बचें, न पूरी तरह इनमें डूब जाएं।